पीपा पुल का महत्व और पृष्ठभूमि
यह पुल 2016 में बनकर तैयार हुआ था और 120 करोड़ की लागत से सरयू नदी पर 1132 मीटर लंबा ढेमवाघाट पुल बनाकर नवाबगंज को लखनऊ हाईवे से जोड़ा गया था। लेकिन 2022 में सरयू नदी में उफान और कटान के कारण पुल और उस तक जाने वाली डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद पुल पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया।
2023 में पुल के पुनर्निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी ने 42 करोड़ रुपये का बजट मांगा, जिसे शासन ने स्वीकृत नहीं किया। इसके अतिरिक्त, बचा हुआ 150 मीटर हिस्सा भी नदी में बह गया। इन सब कारणों से तीन वर्षों से स्थानीय लोगों का आवागमन कठिनाइयों भरा रहा।
सुरक्षा और तकनीकी निगरानी
इस बार पुल के निर्माण की तकनीकी जिम्मेदारी IIT रुड़की को सौंपी गई है। टीम ने सड़क और नदी का निरीक्षण किया और निर्माण के लिए सुझाव तैयार कर रही है, ताकि नए पुल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निर्माण की योजना
पुल की चौड़ाई: लगभग 5 मीटर
पुल की लंबाई: लगभग 400 मीटर
संभावित पीपों की संख्या: 100 से अधिक
लोक निर्माण विभाग ने पीप की खरीदारी और निर्माण कार्य की तैयारियों में तेजी कर दी है। पुल के बन जाने के बाद न केवल गोंडा और अयोध्या के 50 गांवों के लोगों का आवागमन आसान होगा, बल्कि सड़क मार्ग से आने-जाने में समय की भी बचत होगी।

0 comments:
Post a Comment