बिहार में रेल विस्तार: तीसरी-चौथी रेल के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू

न्यूज डेस्क। बिहार के रेल मानचित्र में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले झाझा रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों के लिए आने वाले वर्ष बेहद परिवर्तनकारी साबित होने वाले हैं। दानापुर मंडल के अंतिम छोर पर स्थित यह पुराना स्टेशन लंबे समय से आधुनिक सुविधाओं के अभाव से जूझता रहा है, लेकिन अब पूर्व मध्य रेल ने इसे बड़े जंक्शन के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा दिए हैं। झाझा–किऊल रेलखंड पर तीसरी और चौथी लाइन के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है। इससे पहले झाझा–बटिया खंड में भी अधिग्रहण कार्य जारी है।

क्यों महत्वपूर्ण है तीसरी और चौथी रेल लाइन का निर्माण?

यह पूरा रेल विस्तार न सिर्फ यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि मालगाड़ियों की आवाजाही को भी सुचारू करेगा। वर्तमान में झाझा–किऊल खंड की लाइन क्षमता सीमित है, जिसके कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित होता है। अतिरिक्त दो लाइनों के बाद यह खंड अत्यधिक व्यस्त रूटों में से एक बन जाएगा, जिससे दानापुर मंडल की कई ट्रेनों का ठहराव और रखरखाव झाझा में संभव हो सकेगा। झाझा में रेलवे के पास पर्याप्त भूमि होने से यह विकास और भी व्यावहारिक हो जाता है।

903 करोड़ रुपये की लागत से बदलेगा रेलखंड का स्वरूप

झाझा–किऊल खंड की लंबाई करीब 54 किलोमीटर है, जिसकी चौड़ाई वर्तमान 21 मीटर से बढ़ाकर 42 मीटर की जाएगी। इस विस्तार पर 903 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसकी स्वीकृति अंतिम चरण में है। रेलवे सूत्रों के अनुसार भूमि अधिग्रहण का जिम्मा एक निजी एजेंसी को दिया गया है और उन्होंने कार्य प्रारंभ भी कर दिया है। साथ ही झाझा से तीसरी लाइन का निर्माण भी आगे बढ़ चुका है।

स्टेशनों के पुनर्निर्माण की तैयारी

चार-लाइन वाले इस विस्तृत रेल कॉरिडोर में कई पुराने स्टेशन भवन प्रभावित होंगे। इसी वजह से गिद्धौर और मननपुर रेलवे स्टेशनों पर नए भवनों का निर्माण तेज गति से चल रहा है। नए ढांचे उन स्थानों पर बनाए जा रहे हैं, जो भविष्य की लाइनों की सीमा से बाहर हैं। जैसे ही ये नए भवन तैयार होंगे, पुराने स्टेशनों को हटाने का कार्य शुरू किया जाएगा। साथ ही पुल, अंडरपास, छोटी पुलियों और अन्य संरचनाओं का भी आधुनिकीकरण किया जाएगा।

बड़ी परियोजना का हिस्सा है यह

पूर्व मध्य रेलवे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा तक तीसरी और चौथी लाइन बिछाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। करीब 17 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना के तहत लगभग 400 किलोमीटर रेल मार्ग का विस्तार होगा। पहले चरण में बख्तियारपुर–फतुहा (24 किमी) और बख्तियारपुर–पुनारख (30 किमी) खंडों को मंजूरी मिल चुकी है। पुनारख–किऊल (2514 करोड़) और किऊल–झाझा (903 करोड़) खंडों की स्वीकृति भी जल्द मिलने की उम्मीद है।

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