योजना का उद्देश्य
बिहार में आम, लीची और अमरूद की खेती बड़े पैमाने पर होती है। लेकिन फूल आने के समय कीट और रोगों का हमला उत्पादन को काफी प्रभावित करता है। सरकार इस समस्या को नियंत्रित कर किसानों की आमदनी में वृद्धि करना चाहती है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए छिड़काव पर अनुदान देने की व्यवस्था की गई है।
किसानों के लिए निर्धारित शर्तें और वृक्ष सीमा
योजना का लाभ सभी पात्र किसानों को दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए सरकार ने प्रत्येक फलदार प्रजाति के लिए अधिकतम वृक्ष सीमा तय की है ताकि सहायता का लाभ ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचे।
आम के लिए: अधिकतम 84 वृक्ष
लीची के लिए: अधिकतम 56 वृक्ष
अमरूद के लिए: अधिकतम 28 वृक्ष
यह योजना पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर लागू होगी।
कैसे मिलेगा योजना का लाभ?
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। किसान को पहले कृषि विभाग के DBT पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। आवेदन करते समय निम्न दस्तावेज जरूरी होंगे: डीबीटी पोर्टल से प्राप्त किसान रजिस्ट्रेशन आईडी, आधार कार्ड, रैयत/गैर-रैयत किसान होने का स्वयं घोषणा पत्र
अनुदान की राशि कितनी होगी?
सरकार ने फसल और छिड़काव के चरण के अनुसार अलग-अलग अनुदान दरें तय की हैं।
1. आम (Mango): पहला छिड़काव (मंजर आने से पहले): कुल लागत: 76 रु/वृक्ष, अनुदान: 57 रु/वृक्ष, दूसरा छिड़काव (मंजर आने के बाद): कुल लागत: 96 रु/वृक्ष, अनुदान: 72 रु/वृक्ष
2. लीची (Litchi): पहला छिड़काव: कुल लागत: 216 रु/वृक्ष, अनुदान: 162 रु/वृक्ष, दूसरा छिड़काव: कुल लागत: 152 रु/वृक्ष, अनुदान: 114 रु/वृक्ष
3. अमरूद (Guava): कीट प्रबंधन: लागत: 44 रु/वृक्ष, अनुदान: 33 रु/वृक्ष, व्याधि प्रबंधन: लागत: 60 रु/वृक्ष, अनुदान: 45 रु/वृक्ष।

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