कौन-कौन से एक्सप्रेसवे बनेंगे बिहार में?
राज्य में पाँच प्रमुख एक्सप्रेसवे प्रस्तावित/स्वीकृत हैं, जिनमें से कुछ पर काम शुरू हो चुका है, जबकि कुछ को आरंभ कराने की तैयारी अंतिम चरण में है:
1. वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे
यह परियोजना सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है और इसका निर्माण कई हिस्सों में प्रगति पर है। इसके पूरा होने के बाद पूर्व भारत के बड़े शहरों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
2. पटना–पूर्णिया एक्सप्रेसवे
बिहार के उत्तर-पूर्वी हिस्से को राजधानी पटना से जोड़ने के लिए यह एक्सप्रेसवे अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्रालय द्वारा मंजूरी मिलने के बाद इसके निर्माण की रूपरेखा तय की जा रही है।
3. रक्सौल–हल्दिया एक्सप्रेसवे
नेपाली सीमा से पश्चिम बंगाल के प्रमुख बंदरगाह हल्दिया तक सीधी कनेक्टिविटी देगा। यह मार्ग व्यापारिक गतिविधियों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।
4. गोरखपुर–सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी से जोड़ने वाला यह मार्ग बिहार के कई उत्तरी जिलों से होकर गुज़रेगा। इसे भी मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त है।
5. बक्सर–भागलपुर एक्सप्रेसवे
पाँचवाँ प्रमुख मार्ग, जो राज्य के पश्चिम से लेकर पूर्व तक यात्रा और लॉजिस्टिक्स को सुगम बनाएगा। इन सभी पाँचों एक्सप्रेसवे की कुल प्रस्तावित लंबाई लगभग 1626 किलोमीटर है, जो बिहार के सड़क नेटवर्क को पूरी तरह नया रूप देने वाली है।
अन्य प्रमुख सड़क परियोजनाएँ भी प्राथमिकता में
पथ निर्माण विभाग केवल एक्सप्रेसवे तक ही सीमित नहीं है। केंद्र सरकार ने चुनाव से पहले जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, उन पर भी तेजी से कार्य शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इनमें प्रमुख हैं: साहेबगंज–अरेराज–बेतिया कॉरिडोर, मोकामा–मुंगेर कॉरिडोर, ये सड़कें न केवल स्थानीय आवागमन को बेहतर बनाएंगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नया आयाम देंगी।

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