यूपी में बड़ी कार्रवाई की तैयारी: अपात्र राशन कार्ड होंगे रद्द

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता लाने और वास्तविक जरूरतमंदों तक सब्सिडी वाला अनाज पहुँचाने के लिए व्यापक जांच अभियान शुरू किया है। इस जांच में अंत्योदय और पात्र गृहस्थी श्रेणी के राशन कार्डधारकों के रिकॉर्ड को आयकर विभाग के डेटा से मिलाया जा रहा है। प्रारंभिक परिणाम चौंकाने वाले हैं अब तक 5 लाख से अधिक लाभार्थी ऐसे मिले हैं जो निर्धारित आय सीमा से ऊपर होने के बावजूद सस्ते राशन का लाभ उठा रहे थे।

आयकर डेटाबेस से मिलान में सामने आई अनियमितताएं

राज्य खाद्य एवं रसद विभाग ने कार्डधारकों द्वारा दिए गए आय विवरण को CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) के रिकॉर्ड से मिलाया। इस प्रक्रिया में लगभग 16.92 लाख राशन कार्ड संदेह के दायरे में आए। ग्रामीण क्षेत्रों में 2 लाख से अधिक वार्षिक आय के 9,23,013 लोग, जबकि शहरी क्षेत्रों में 3 लाख से अधिक आय वाले 7,69,361 लोग इन सभी की जांच पूर्ति निरीक्षकों को सौंपी गई थी।

अब तक की जांच में चौंकाने वाला खुलासा

जांच की गई लगभग 9.10 लाख प्रविष्टियों में से 5,03,088 कार्डधारक अपात्र पाए गए यानी जांच किए गए हर 2 में से 1 लाभार्थी नियमों का उल्लंघन करते हुए सस्ता राशन ले रहा था यह अनुपात सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वर्षों से जारी गड़बड़ियों की ओर संकेत करता है।

किन्हें नहीं मिलना चाहिए लाभ?

सरकार के नियमों के अनुसार ग्रामीण परिवार जिनकी वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम, जबकि शहरी परिवार जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम हो। इनसे अधिक आय वाले परिवार पात्र गृहस्थी या अंत्योदय कार्ड के लिए योग्य नहीं हैं। इस सीमा से ऊपर आय पाए जाने पर कार्ड स्वतः रद्द किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

दरअसल, अभी लगभग 8 लाख से अधिक कार्डों की जांच बाकी है। यदि अपात्रता का यही अनुपात जारी रहा तो करीब सवा 9 लाख राशन कार्ड निरस्त होने की स्थिति में आ सकते हैं। मीडिया के अनुसार, जिन कार्डधारकों की अपात्रता पुष्टि हो चुकी है, उनके नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और आगे भी यह अभियान चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा।

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