कर्मचारियों को होगा फायदा
केंद्र में वर्तमान में 50.14 लाख कर्मचारी और लगभग 69 लाख पेंशनर्स कार्यरत हैं। ये सभी 8वें वेतन आयोग के प्रस्तावित रिविजन के दायरे में आते हैं। यानी आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद इन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, भत्ते और पेंशन सीधे प्रभावित होंगे।
सरकार ने क्या कहा?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि 8th CPC को लेकर किसी तरह की देरी की चिंता करने की जरूरत नहीं है। आयोग को अपनी सिफारिशें गठन के 18 महीने के अंदर प्रस्तुत करनी होंगी। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि कब नई सैलरी और पेंशन लागू होगी, इसका निर्णय केंद्र सरकार स्वयं करेगी।
क्या बदलाव आ सकते हैं?
वित्त मंत्रालय के अनुसार, आठवां वेतन आयोग कई अहम पहलुओं पर सुझाव देगा। इसमें शामिल होंगे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बदलाव, भत्तों (Allowances) की संरचना का नया स्वरूप, पेंशन और सेवानिवृत्ति नियमों में संशोधन, कर्मचारियों की सेवा शर्तों से संबंधित सिफारिशें। इस आयोग की सिफारिशों के लागू होने से न सिर्फ मंथली सैलरी और पेंशन बढ़ेगी, बल्कि महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की गणना के तरीके में भी बदलाव आ सकता है।
DA और पेंशन मर्ज होंगे?
राज्यसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि DA और DR को बेसिक पे में मर्ज करना या पेंशन संरचना में बदलाव 8th CPC की जिम्मेदारी है। आयोग ही इस पर अंतिम सुझाव देगा।
बजट 2026–27 में फंड का प्रावधान
पंकज चौधरी ने स्पष्ट किया कि जैसे ही आयोग अपनी रिपोर्ट देगा और सरकार उसे मंजूरी देगी, बजट में इसके लिए आवश्यक फंड का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही यह भी कहा कि पैसों की कमी किसी भी सिफारिश के लागू होने में बाधा नहीं बनेगी।
लागू होने की संभावित समयसीमा
आयोग अपनी रिपोर्ट गठन की तारीख से 18 महीने के अंदर सौंप देगा। उसके बाद केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग के लागू होने की तारीख तय करेगी।

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