बिहार में प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों पर एक्शन, मचा हड़कंप!

न्यूज डेस्क। बिहार के रोहतास जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग (PBL) के तहत एमआईपी 3.7 को समय पर लागू न करने वाले 195 सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों सहित विज्ञान और गणित के शिक्षकों पर वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है। आदेश के बाद जिलेभर के शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है।

समय-सीमा बीतने के बावजूद प्रोजेक्ट शुरू नहीं

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा) रोहित रौशन ने बताया कि कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए PBL MIP 3.7 की पढ़ाई 5 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से शुरू की जानी थी। इस प्रोजेक्ट को लागू करने की मुख्य जिम्मेदारी विज्ञान और गणित पढ़ाने वाले शिक्षकों को सौंपी गई थी।

इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया गया था, ताकि सभी विद्यालय तय समय पर प्रोजेक्ट कार्य प्रारंभ कर सकें। लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी तिलौथू और नौहट्टा प्रखंड को छोड़कर जिले के अनेक प्रखंडों के 195 विद्यालयों में इस परियोजना की शुरुआत नहीं हो सकी, जिसे विभाग ने गंभीर लापरवाही माना है।

वेतन भुगतान पर रोक और स्पष्टीकरण की मांग

इस लापरवाही को देखते हुए जिले के इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों तथा संबंधित विषयों के शिक्षकों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। साथ ही सभी शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों से तीन दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस (शो-कॉज) का जवाब देने को कहा गया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो आगे कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

जिले के कई प्रखंडों के शिक्षकों पर गिरी गाज

जिन प्रखंडों के विद्यालयों पर कार्रवाई हुई है, उनमें सासाराम, शिवसागर, संझौली, राजपुर, नोखा, कोचस, दावथ, चेनारी, बिक्रमगंज, अकोढ़ीगोला सहित कई क्षेत्र शामिल हैं। केवल तिलौथू और नौहट्टा प्रखंडों ने समय पर प्रोजेक्ट लागू किया है, जिसके चलते वे कार्रवाई से बचे हुए हैं।

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