सरकारी शिक्षकों को कोचिंग में पढ़ाने पर रोक
संशोधित नीति के अनुसार अब कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई नहीं करा पाएंगे। यदि कोई शिक्षक इस नियम का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो शिक्षा विभाग साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई करेगा। सरकारी स्कूल और शिक्षण संस्थानों के परिसर में कोचिंग संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
कोचिंग संस्थानों के लिए नियम और शुल्क
जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी, जो जिले में कोचिंग संस्थानों के लिए निबंधन की अनुमति देगी। निबंधन के समय कोचिंग संस्थानों को सभी कोर्स की फीस और अन्य नियमों की जानकारी देनी अनिवार्य होगी। कोई भी कोचिंग संस्थान बिना निबंधन के संचालन करता पाया गया तो उस पर कठोर कार्रवाई होगी। निर्धारित फीस से अधिक शुल्क लेने या अन्य शिकायत मिलने पर कोचिंग संस्थानों की जांच की जाएगी। नीति के तहत समय-समय पर कोचिंग संस्थानों की रैंडम जांच भी की जाएगी।
नीति का उद्देश्य
नई कोचिंग नीति का उद्देश्य सरकारी शिक्षा प्रणाली को मजबूत करना, सरकारी शिक्षकों की प्राथमिकता शिक्षा कार्य में सुनिश्चित करना और कोचिंग संस्थानों में पारदर्शिता लाना है। पुराने नियमावली में यह प्रावधान नहीं था, इसलिए नीति में बदलाव जरूरी था।
आगे की प्रक्रिया
शिक्षा विभाग नई नीति को राज्य स्तरीय सक्षम प्राधिकार की सहमति के बाद कैबिनेट में पेश करेगा। इसके बाद नीति को आधिकारिक रूप से लागू किया जाएगा। नीति लागू होने के बाद छात्र, शिक्षक और कोचिंग संस्थान सभी को स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे और शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन एवं पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

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