भारत के लिए 1 बड़ी खुशखबरी! इंडिया बनेगा AI का नया पावर

नई दिल्ली। भारत अब वैश्विक टेक मैप पर सिर्फ एक बड़ा बाज़ार नहीं, बल्कि आने वाले एआई युग का नेतृत्व करने वाला मजबूत खिलाड़ी बनकर उभर रहा है। दुनिया की कई दिग्गज टेक कंपनियाँ यहाँ तेज़ी से निवेश कर रही हैं, और इसी कड़ी में माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में अब तक का अपना सबसे बड़ा एशियाई निवेश करने का ऐलान किया है। यह घोषणा माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद सामने आई, जिसने भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा को और भी मजबूत कर दिया।

17.5 बिलियन डॉलर, भारत की टेक यात्रा का नया अध्याय

माइक्रोसॉफ्ट अगले चार वर्षों में 17.5 बिलियन डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये) भारत में लगाएगा। यह निवेश सिर्फ आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि तकनीकी स्वावलंबन, एआई नवाचार और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में भारत को विशाल बढ़त दिलाएगा। यह कदम साफ दिखाता है कि वैश्विक कंपनियाँ भारत को एआई-ड्रिवन भविष्य का केंद्र मान रही हैं।

नडेला का विज़न: सिर्फ पैसा नहीं, क्षमता निर्माण

सत्या नडेला ने बताया कि इस निवेश का उद्देश्य केवल नए इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण नहीं, बल्कि भारत को एआई सुपरपावर बनाने के लिए मजबूत नींव तैयार करना है। माइक्रोसॉफ्ट के इस मेगा प्लान के चार प्रमुख स्तंभ हैं: एआई और क्लाउड के लिए विशाल डेटा सेंटर नेटवर्क का विस्तार, लाखों लोगों को एआई और कम्प्यूटेशनल स्किल्स में प्रशिक्षित करना, भारत के लिए सोवरिन-रेडी हाइपरस्केल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना, नई क्लाउड रीजन और हाई-एंड कम्प्यूटिंग सुविधाओं की स्थापना। ये सभी पहल भविष्य के डिजिटल भारत की असल ताकत बनेंगी।

हैदराबाद बनेगा एआई इंफ्रास्ट्रक्चर का केंद्र

कंपनी विशेष रूप से हैदराबाद में बन रही इंडिया साउथ सेंट्रल क्लाउड रीजन को प्राथमिकता दे रही है, जो 2026 के मध्य तक शुरू हो जाएगी। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट एक और नया क्लाउड रीजन तैयार कर रहा है, जिसका आकार कोलकाता के ईडन गार्डन स्टेडियम से लगभग दोगुना बताया गया है। ये इंफ्रास्ट्रक्चर भारत को ग्लोबल एआई-डेटा हब की रेस में एक बड़ी बढ़त देंगे।

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