यूपी के 11 नदियों में खुलेंगे जल मार्ग, लोगों को बड़ी खुशखबरी!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जलमार्ग आधारित परिवहन और पर्यटन के क्षेत्र में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य के 11 नदियों—गंगा, यमुना, घाघरा, सरयू, गंडक, अस्सी, बेतवा, चंबल, गोमती, वरुणा और कर्मनाशा—में राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित किए जा रहे हैं। इससे न केवल माल और यात्री परिवहन सस्ता और सुगम होगा, बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

जलमार्ग विकास की तैयारी

उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की पहली बैठक राजधानी लखनऊ में आयोजित की गई, जिसमें विशेषज्ञों ने जल परिवहन की संभावनाओं, चुनौतियों और समाधान पर चर्चा की। वर्तमान में वाराणसी से हल्दिया तक गंगा मार्ग पर जल परिवहन संचालित हो रहा है। इसके अलावा, गंगा, यमुना, सरयू और गंडक नदियों पर कुल 761 किलोमीटर लंबाई के जलमार्ग विकास कार्य प्रगति पर हैं।

वाराणसी और मथुरा में जल पर्यटन की शुरुआत भी पहले ही की जा चुकी है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष सुनील पालीवाल ने बताया कि 2014 से पहले देश में केवल पांच जलमार्ग विकसित थे, जबकि अब यह संख्या 111 तक पहुंच गई है।

माल ढुलाई और कनेक्टिविटी

लखनऊ के वरिष्ठ रेल प्रबंधक रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि जलमार्ग को सड़क और रेल नेटवर्क से जोड़कर मल्टीमॉडल कार्गो नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। इससे माल ढुलाई की लागत में कमी आएगी और वाराणसी से कोलकाता तक माल भेजना सस्ता होगा। कानपुर और उन्नाव की फैक्ट्रियों के उत्पाद भी कम लागत में गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।

पर्यटन और निवेश को बढ़ावा

प्रदेश में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फ्लोटिंग रेस्टोरेंट और हाउसबोट निवेशकों को 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। रिवर क्रूज़, वाटर टैक्सी और रोपैक्स सेवाओं के विस्तार से धार्मिक शहर जैसे काशी, अयोध्या और प्रयागराज सीधे जलमार्ग से जुड़े होंगे। इसके अलावा नदी तटों पर लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, वाटर वे टर्मिनल और इनलैंड पोर्ट विकसित किए जाएंगे।

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