पहली बार मल्टी पोस्ट ईवीएम का प्रयोग
सबसे बड़ा बदलाव यह है कि पंचायत चुनाव में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग किया जाएगा। राज्य चुनाव आयोग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। इस बार मल्टी पोस्ट ईवीएम का प्रयोग होगा, जिसमें एक कंट्रोल यूनिट के साथ छह बैलेट यूनिट होंगी। इससे मतदाता एक ही मशीन पर अलग-अलग पदों जैसे वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच और मुखिया के लिए वोट डाल सकेंगे। इस तकनीकी बदलाव से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, त्वरित और व्यवस्थित होने की उम्मीद है।
नया आरक्षण रोस्टर और परिसीमन
इस चुनाव में आरक्षण और परिसीमन में भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। पंचायती राज संस्थाओं में दो टर्म के बाद आरक्षित सीटों को बदलने का प्रावधान है। इसके तहत जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच, पंच और वार्ड सदस्य की सीटों में व्यापक फेरबदल होगा। इससे वर्तमान प्रतिनिधियों को अपने राजनीतिक क्षेत्र और रणनीति को नए सिरे से तय करना होगा।
उदाहरण के लिए, बांका जिले में जिला परिषद की 25, मुखिया-सर्पंच की 182, पंचायत समिति की 246 और वार्ड सदस्य व पंच की 2417–2417 सीटें हैं। इनमें सभी वर्ग की महिलाओं के लिए 50% आरक्षण लागू किया गया है। नए रोस्टर के लागू होते ही सियासी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं।
चुनाव की तैयारियां
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने नए परिसीमन के साथ चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। 2026 का पंचायत चुनाव तकनीक, आरक्षण और राजनीतिक समीकरणों के दृष्टिकोण से बिहार की सियासत में नया अध्याय लिखने जा रहा है।
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