बिहार में 'किसानों' को 1 बड़ी खुशखबरी: 75% तक की सब्सिडी!

पटना: बिहार के किसान अब पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती को अपनाकर अपनी आमदनी कई गुना बढ़ा सकते हैं। कम समय में तैयार होने वाली ये फसलें न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी उपयोगी मानी जाती हैं।

सरकार का समर्थन और सब्सिडी

राज्य सरकार ने इन फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बीज पर 75% तक की सब्सिडी देने की व्यवस्था की है। बिहार कृषि विभाग के अनुसार, एक हेक्टेयर में लगभग 22 हजार पौधे लगाए जाते हैं और फसल 60-70 दिन में तैयार हो जाती है। इससे किसान एक साल में 3-4 बार उत्पादन लेकर अपनी कुल आय बढ़ा सकते हैं।

खेती का बढ़ता क्षेत्रफल

आपको बता दें की इस वर्ष खरीफ सीजन में 165 हेक्टेयर में खेती शुरू हुई है, जिसमें 90 हेक्टेयर स्वीट कॉर्न और 75 हेक्टेयर बेबी कॉर्न शामिल हैं। विभाग का लक्ष्य अगले साल 100 हेक्टेयर स्वीट कॉर्न और 80 हेक्टेयर बेबी कॉर्न की खेती बढ़ाना है।

किसानों के लिए आर्थिक फायदे

कम समय में तैयार होने वाली फसल, जिससे साल में कई बार उत्पादन संभव।

प्रोसेस्ड फूड और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में बढ़ती मांग से बिक्री आसान।

प्रति एकड़ लागत धान और गेहूं की तुलना में कम, लेकिन लाभ कई गुना अधिक।

वैल्यू ऐडिशन: फ्रोजन, कटी हुई या कैन कॉर्न से मार्जिन बढ़ता है।

छोटे टाउन में भी प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर बड़ा व्यवसाय खड़ा किया जा सकता है।

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