डिजिटल भारत की दिशा में एक बड़ा कदम
आज जब पूरा देश ‘डिजिटल इंडिया’ की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में बिहार सरकार का यह निर्णय राज्य के शैक्षणिक परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला है। पहले यह सुविधा केवल सरकारी माध्यमिक विद्यालयों तक सीमित थी, लेकिन अब मिडिल स्कूलों को भी इस योजना में शामिल किया गया है। इससे ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में पढ़ने वाले छात्रों को भी तकनीकी शिक्षा का लाभ मिलेगा।
स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर लैब की स्थापना
शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है। इसके अंतर्गत हर मध्य विद्यालय में स्मार्ट क्लास और कंप्यूटर लैब की स्थापना की जाएगी। स्कूलों को आवश्यक कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी, प्रोजेक्टर, और तकनीकी संसाधनों से लैस किया जाएगा। इससे छात्रों को व्यावहारिक और इंटरैक्टिव तरीके से कंप्यूटर शिक्षा मिल सकेगी।
तकनीकी ज्ञान से सशक्त होंगे छात्र
आज के समय में कंप्यूटर ज्ञान केवल एक विषय नहीं, बल्कि एक आवश्यकता बन चुका है। कंप्यूटर शिक्षा मिलने से छात्र-छात्राएं न केवल शैक्षणिक रूप से मजबूत होंगे, बल्कि भविष्य की नौकरियों और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार हो पाएंगे। डिजिटल साक्षरता से वे ऑनलाइन संसाधनों, ई-लर्निंग, कोडिंग, बेसिक प्रोग्रामिंग जैसी चीजों से परिचित होंगे जो उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनाएगी।
ग्रामीण छात्रों के लिए वरदान
ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक तकनीकी शिक्षा की पहुँच सीमित रही है। इस योजना के लागू होने से गाँव के बच्चे भी शहरी छात्रों की तरह डिजिटल शिक्षा का लाभ उठा सकेंगे।
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