आज की दुनिया में केवल चार देश ऐसे हैं, जो पूरी तरह से न्यूक्लियर ट्रायड से लैस हैं — और यही देश माने जाते हैं असली वैश्विक सुपर पावर। इन चार देशों के पास न्यूक्लियर ट्रायड के जरिए वह शक्ति है, जो उन्हें न केवल आत्म-रक्षा बल्कि वैश्विक रणनीतिक संतुलन बनाए रखने में भी सक्षम बनाती है।
1. संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)
दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति, अमेरिका, न्यूक्लियर ट्रायड का जनक कहा जा सकता है। अमेरिका के पास लैंड-बेस्ड ICBMs (Minuteman III), एयर-बेस्ड B-52 और B-2 बॉम्बर्स और समुद्र के अंदर से मार करने वाली Trident मिसाइलों से लैस परमाणु पनडुब्बियां (Ohio-class) हैं। इसके अलावा अमेरिका का कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम और तकनीकी श्रेष्ठता इसे बेहद खतरनाक और प्रभावशाली बनाती है।
2. रूस
सोवियत संघ के पतन के बाद भी रूस ने अपनी न्यूक्लियर ताकत को न केवल बरकरार रखा, बल्कि तकनीकी रूप से और भी आगे बढ़ाया। Topol-M और Yars जैसे लैंड-बेस्ड मिसाइल सिस्टम,, Tu-160 और Tu-95 जैसे स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स, Borei-class पनडुब्बियों से छोड़ी जाने वाली Bulava मिसाइलें — रूस को न्यूक्लियर ट्रायड में मजबूत बनाती हैं।
3. चीन
बीते कुछ दशकों में चीन ने अपनी सैन्य शक्ति को चुपचाप लेकिन व्यवस्थित तरीके से विकसित किया है। DF-41 जैसे मोबाइल ICBMs, H-6N स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स, Jin-class पनडुब्बियां और JL-3 मिसाइलें, चीन को एक उभरती लेकिन स्थायी न्यूक्लियर ट्रायड शक्ति बनाते हैं।
4. भारत
भारत ने शांति के सिद्धांतों को अपनाते हुए न्यूक्लियर हथियारों को ‘No First Use’ नीति के तहत विकसित किया है, लेकिन उसकी क्षमताओं में अब कोई संदेह नहीं रहा। Agni सीरीज़ की मिसाइलें (ICBM स्तर तक), Sukhoi-30 और Mirage-2000 जैसे विमानों से परमाणु बम ले जाने की क्षमता, INS Arihant और INS Arighat जैसी परमाणु पनडुब्बियाँ और K-4 जैसी SLBM मिसाइलें — भारत को न्यूक्लियर ट्रायड क्लब में स्थापित करती हैं।
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