1. त्रिफला चूर्ण (Triphala Churna)
त्रिफला तीन फलों – हरड़, बहेड़ा और आंवला – से मिलकर बना होता है। यह न केवल पाचन को दुरुस्त करता है, बल्कि पुरानी कब्ज को भी दूर करता है, जो बवासीर की मुख्य वजहों में से एक है। रोज़ाना रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेने से राहत मिलती है।
2. नागकेसर (Mesua ferrea)
नागकेसर एक शक्तिशाली औषधीय पौधा है, जो खास तौर पर रक्तस्रावी बवासीर (Bleeding Piles) में उपयोगी होता है। इसका पाउडर शहद या गाय के घी के साथ लेने से रक्तस्राव कम होता है और सूजन भी घटती है। साथ ही बवासीर की समस्या से निजात मिल जाता हैं।
3. अरशक रोधक हर्बल लेप
बवासीर के बाहरी मस्सों पर हल्दी और नीम की पत्तियों का लेप लगाने से जलन, खुजली और सूजन में राहत मिलती है। नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जबकि हल्दी एक प्राकृतिक सूजन-निवारक है। इससे दर्द और जलन की समस्या भी कम हो जाती हैं।
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