इजरायल ने अंतरिक्ष में उड़ाई मिसाइल, दुनिया हैरान

न्यूज डेस्क।  13 जून की रात एरो-3 ने जिस तरह से ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल को 100 किमी की ऊंचाई पर नष्ट किया, उसने दुनिया भर के सैन्य विश्लेषकों और रक्षा विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। यह सिर्फ एक तकनीकी सफलता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है – कि इजरायल अब अंतरिक्ष आधारित खतरों से भी निपटने में सक्षम है।

दरअसल जब ईरान ने इजरायल पर 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से अधिक आत्मघाती ड्रोन दागे, तो यह मध्य-पूर्व के युद्ध इतिहास का एक नया और खतरनाक अध्याय था। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा तकनीकी चमत्कार तब हुआ, जब इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने एरो-3 इंटरसेप्टर से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल को अंतरिक्ष में ही नष्ट कर दिया।

एरो-3 क्या है?

एरो-3 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, इजरायल और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक एडवांस्ड बैलिस्टिक मिसाइल इंटरसेप्शन प्रणाली है। इसकी खासियत यह है कि यह अंतरिक्ष में – यानी पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर – दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। इसे एक्सोएटमॉस्फेरिक इंटरसेप्शन कहते हैं।

क्यों खास है एरो-3?

1. स्पेस-बेस्ड इंटरसेप्शन:

एरो-3 बैलिस्टिक मिसाइलों को उनके उड़ान के उस हिस्से में निशाना बनाता है जब वे अंतरिक्ष में होती हैं। इससे दुश्मन की मिसाइलें आबादी वाले इलाकों में पहुंचने से पहले ही खत्म हो जाती हैं।

2. हिट-टू-किल तकनीक:

एरो-3 में कोई विस्फोटक नहीं होता। यह हाई-स्पीड काइनेटिक एनर्जी से मिसाइल को सीधे टकराकर नष्ट करता है – जिसे 'हिट-टू-किल' (Hit-to-Kill) स्ट्राइक कहा जाता है।

3. हाइपरसोनिक क्षमता:

यह मिसाइलें मैक 5 से अधिक गति (ध्वनि की गति से 5 गुना तेज) से उड़ रही बैलिस्टिक हथियारों को इंटरसेप्ट कर सकती हैं।

4. लंबी दूरी और ऊंचाई पर मार:

एरो-3 की मारक क्षमता 2,400 किलोमीटर तक है, और यह 100 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर इंटरसेप्ट करने में सक्षम है।

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