उपभोक्ता होंगे केंद्र में
बिजली से जुड़ी हर प्रक्रिया — जैसे नया कनेक्शन लेना, बिल भरना, शिकायत करना या कनेक्शन कटवाना — अब पहले से कहीं अधिक आसान और डिजिटल होगी। उपभोक्ताओं को अब बार-बार बिजली कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। नई योजना में स्मार्ट तकनीकों जैसे स्मार्ट मीटर, मोबाइल ऐप, ऑनलाइन भुगतान, और SMS अलर्ट को शामिल किया गया है, जिससे बिलिंग अधिक पारदर्शी और त्रुटिहीन बनेगी।
पूर्वांचल और दक्षिणांचल से शुरुआत
बिजली विभाग इस सुधार की शुरुआत पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम (डिस्कॉम) से करेगा। यहां नई तकनीकों के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी से वितरण प्रणाली को तेज, पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जाएगा। इस पहल से न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि गांवों और खेतों में भी 24 घंटे बिजली मिल सकेगी, जिससे किसानों को सिंचाई में सहूलियत और गांवों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
शिकायत समाधान और पारदर्शिता होगी प्राथमिकता
नई प्रणाली के अंतर्गत उपभोक्ता यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत करता है, तो उसका समाधान त्वरित और प्रभावी तरीके से किया जाएगा। स्मार्ट मीटरिंग से उपभोक्ता को वास्तविक खपत के अनुसार ही बिल मिलेगा, जिससे गलत बिलिंग और मनमानी पर रोक लगेगी। बिजली सुधार योजना से स्मार्ट ग्रिड, तकनीकी निगरानी, और डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से बिजली चोरी और लो वोल्टेज जैसी समस्याओं पर भी प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
0 comments:
Post a Comment