केंद्र सरकार का 1 बड़ा फैसला, नागरिकों के लिए खुशखबरी

नई दिल्ली। भारत सरकार ने डिजिटल सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाते हुए मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए एक अहम फैसला लिया है। मोबाइल सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से सरकार ने सभी मोबाइल कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने नए स्मार्टफोनों में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-लोडेड रूप में शामिल करें। यह ऐप उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अनिवार्य किया गया है, और हर नए डिवाइस में इसका इंस्टॉल होना जरूरी होगा।

क्या है संचार साथी ऐप?

संचार साथी ऐप एक सुरक्षा-केंद्रित एप्लिकेशन है, जो उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित सुविधाएँ प्रदान करता है। संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान, फर्जी कॉल, स्पैम और धोखाधड़ी वाले संपर्कों से सुरक्षा, अनधिकृत मोबाइल गतिविधियों पर निगरानी, डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ त्वरित रिपोर्टिंग। सरकार का मानना है कि तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधों और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर नियंत्रण रखने में यह ऐप उपयोगी साबित होगा।

सरकार ने क्यों उठाया यह कदम?

बीते वर्षों में मोबाइल उपयोगकर्ताओं को लक्षित कर साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है। फर्जी कॉल, KYC अपडेट के नाम पर ठगी, बैंकिंग डेटा चोरी, नकली ऐप्स के जरिए हैकिंग। ऐसे मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार का मानना है कि डिजिटल दुनिया में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। इसलिए, अब हर नया मोबाइल फोन सुरक्षा मानकों के साथ आएगा।

डिजिटल सुरक्षा बनाम निजता, चर्चा तेज

सरकार के फैसले के बाद देश में डिजिटल सुरक्षा और व्यक्तिगत गोपनीयता को लेकर बहस तेज हो गई है। जहाँ सरकार का तर्क है कि यह कदम नागरिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है, वहीं विपक्ष का कहना है कि किसी भी ऐप को अनिवार्य बनाना नागरिकों की पसंद को सीमित करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीक और गोपनीयता के बीच संतुलन बनाना बेहद जरूरी है, ताकि सुरक्षा भी बनी रहे और निजी स्वतंत्रता भी सुरक्षित रहे।

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