ज्योतिष ज्ञान: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर इंसान एक समय के बाद अपने जीवन में शादी करना चाहता हैं। लेकिन कभी कभी किसी इंसान की शादी जल्दी ठीक हो जाती हैं तो कभी कभी शादी विवाह में कई तरह की बढ़ाएं आती हैं। इंसान के जीवन में होने वाले ये सभी घटनाएं ग्रहों के चाल और उसके संयोग पर निर्भर करता हैं। लोगों के मन में इस बात की चिंता सदैव बनी रहती हैं की आखिर कब इंसान के जीवन में विवाह की संभावनाएं अधिक होती हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से की कब बनती हैं विवाह की सबसे अधिक संभावनाएं।
1 .ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी इंसान की कुंडली में सूर्य, चंद्र और गुरु की स्थिति सबसे मजबूती होती हैं तथा शनि और बृहस्पति एक साथ गोचर करते हैं तो उस इंसान के विवाह होने की संभावनाएं सबसे अधिक होती हैं और जीवन में एक वर्ष के भीतर ही विवाह का प्रबल योग बनता हैं। अगर किसी इंसान की शादी नहीं हो पा रही हैं तो कुंडली में ऐसा योग बनाने के लिए बृहस्पति बार के दिन भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करें या उनकी पूजा करें। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से शादी विवाह में आ रही बाधा तुरंत दूर हो जाती हैं।
2 .यदि किसी व्यक्ति के विवाह कुंडली में बृहस्पति, शनि और मंगल का गोचर एक ही समय में थोड़े अंतराल पर हो रही हो तो उस व्यक्ति की शादी एक महीने के भीतर में हो जाती हैं और उन्हें मनचाहा जीवनसाथी भी प्राप्त होता हैं। इन्हे वैवाहिक जीवन में प्यार और रोमांस की कोई कमी नहीं होती हैं और इनका वैवाहिक जीवन भी खूबसूरत होता हैं। अगर किसी व्यक्ति की शादी में बाधा उत्पन हो रहा हैं तो कुंडली में ग्रहों का ऐसा संयोग बनाने के लिए मंगलवार के दिन व्रत रखें। इससे विवाह होने की संभावनाएं बढ़ जाएगी और बहुत जल्द वैवाहिक सुख भी प्राप्त होगा।
3 .ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र, बृहस्पति और राहु एक साथ ग्रहों का संयोग बनाता हैं तो इससे जीवन में विवाह की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और इनकी शादी छह महीने के भीतर संपन होती हैं। किसी भी इंसान के विवाह कुंडली में ऐसा संयोग लाखों में एक माना जाता हैं। इनके जीवन में होने वाली शादी राज योग लेकर आती हैं और जीवन की सभी आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती हैं। कुंडली में ऐसा योग बनाने के लिए बृहस्पति बार के दिन पीपल के पेड़ का 108 बार परिक्रमा करें।
4 .विवाह के लिए कारक ग्रह शुक्र की स्थिति को माना जाता हैं। जब किसी इंसान की कुंडली में शुक्र नवम भाग में स्थित होता हैं तब इंसान के जीवन में प्रेम विवाह करने की संभावनाएं सबसे अधिक होती हैं। लेकिन जब शुक्र पंचम या सप्तम भाग में स्थित होता हैं तब इंसान की शादी परिवार वाले लोगों के पसंद से होती हैं और इंसान को वैवाहिक सुख प्राप्त होता हैं। इसलिए अगर किसी व्यक्ति का शादी नहीं हो पा रहा हैं तो उसे शुक्र ग्रह को मजबूत करने की कोशिश करना चाहिए। इसके लिए आप नवग्रहों का पाठ कर सकते हैं, बृहस्पति देव की पूजा कर सकते हैं या बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु के मंत्र का जाप कर सकते हैं।
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