ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी इंसान के जीवन में ग्रहों के स्थिति पर हीं इंसान का विवाह निर्भर करता हैं। अगर ग्रहों का संयोग अच्छा हो तो विवाह में कोई परेशानी नहीं आती हैं और इंसान का विवाह अच्छे घरों में सम्पन होता हैं और अगर ग्रहों का संयोग अच्छा ना हो तो कुंडली में दोष पैसा होती हैं और इंसान की शादी में बाधा आने लगती हैं। आज इसी विषय में ज्योतिष शास्त्र के द्वारा जानने की कोशिश करेंगे विवाह में देरी होने के कारण और उसके निदान के बारे में। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
1 .यदि किसी अविवाहित लड़का या लड़की की कुंडली में शनि सप्तम भाव में स्थित हो तब उस इंसान के विवाह में देरी होती हैं और इंसान की शादी जल्दी पक्की नहीं हो पाती हैं। साथ हीं साथ उस इंसान के जीवन पर सूर्य और मंगल की स्थिति भी अच्छी नहीं रहती हैं। जिसके कारण उसकी कुंडली में दोष पैदा होती हैं। इस समस्या के निदान के लिए अविवाहित लड़का लड़की को मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए और हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए। इससे कुंडली दोष मुक्त हो जाती हैं और इंसान के जीवन में शादी के शुभ योग बनते हैं।
2 .यदि किसी लड़की की कुंडली में सप्तम भाव में मंगल, शनि और शुक्र मौजूद हो तो उस लड़की की शादी जल्दी ठीक नहीं हो पाती हैं। इनका विवाह बड़ी उम्र में होता हैं। इस समस्या से निदान के लिए अविवाहित लड़की को गुरूवार के दिन तुलसी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए तथा भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण 108 बार करनी चाहिए। इससे कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ हो जाती हैं और इंसान के जीवन में शादी के उत्तम योग बनते हैं।
3 .ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के विवाह लगन में मंगल, सूर्य और बुध हो तो उस इंसान के विवाह में देरी होती हैं और उनकी शादी बार बार टूट जाती हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अविवाहित लोगों को जल में हल्दी और चंदन डाल कर नहाना चाहिए। इससे ग्रहों की स्थिति अच्छी हो जाती हैं और इंसान की कुंडली में विवाह के उत्तम योग का निर्माण होता हैं तथा उनकी शादी बहुत जल्द संपन होती हैं।
4 .कभी कभी किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु विवाह लगन में प्रवेश कर जाता जिससे कुंडली में दोष पैदा होती हैं और इंसान के शादी विवाह में देरी होने लगती हैं। इस समस्या से निदान पाने के लिए अविवाहित लोगों को गुरूवार के दिन सफ़ेद गाय को चने का दाल खिलाना चाहिए और शीघ्र विवाह की प्राथना करनी चाहिए। इससे इंसान की शादी बहुत जल्द पकी हो जाती हैं और उन्हें मनचाहा जीवनसाथी भी प्राप्त होता हैं। साथ हीं साथ उनका वैवाहिक जीवन भी शानदार और खुशियों से भरा रहता हैं।
1 .यदि किसी अविवाहित लड़का या लड़की की कुंडली में शनि सप्तम भाव में स्थित हो तब उस इंसान के विवाह में देरी होती हैं और इंसान की शादी जल्दी पक्की नहीं हो पाती हैं। साथ हीं साथ उस इंसान के जीवन पर सूर्य और मंगल की स्थिति भी अच्छी नहीं रहती हैं। जिसके कारण उसकी कुंडली में दोष पैदा होती हैं। इस समस्या के निदान के लिए अविवाहित लड़का लड़की को मंगलवार के दिन व्रत रखना चाहिए और हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना चाहिए। इससे कुंडली दोष मुक्त हो जाती हैं और इंसान के जीवन में शादी के शुभ योग बनते हैं।
2 .यदि किसी लड़की की कुंडली में सप्तम भाव में मंगल, शनि और शुक्र मौजूद हो तो उस लड़की की शादी जल्दी ठीक नहीं हो पाती हैं। इनका विवाह बड़ी उम्र में होता हैं। इस समस्या से निदान के लिए अविवाहित लड़की को गुरूवार के दिन तुलसी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए तथा भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण 108 बार करनी चाहिए। इससे कुंडली में ग्रहों की स्थिति शुभ हो जाती हैं और इंसान के जीवन में शादी के उत्तम योग बनते हैं।
3 .ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के विवाह लगन में मंगल, सूर्य और बुध हो तो उस इंसान के विवाह में देरी होती हैं और उनकी शादी बार बार टूट जाती हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अविवाहित लोगों को जल में हल्दी और चंदन डाल कर नहाना चाहिए। इससे ग्रहों की स्थिति अच्छी हो जाती हैं और इंसान की कुंडली में विवाह के उत्तम योग का निर्माण होता हैं तथा उनकी शादी बहुत जल्द संपन होती हैं।
4 .कभी कभी किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु विवाह लगन में प्रवेश कर जाता जिससे कुंडली में दोष पैदा होती हैं और इंसान के शादी विवाह में देरी होने लगती हैं। इस समस्या से निदान पाने के लिए अविवाहित लोगों को गुरूवार के दिन सफ़ेद गाय को चने का दाल खिलाना चाहिए और शीघ्र विवाह की प्राथना करनी चाहिए। इससे इंसान की शादी बहुत जल्द पकी हो जाती हैं और उन्हें मनचाहा जीवनसाथी भी प्राप्त होता हैं। साथ हीं साथ उनका वैवाहिक जीवन भी शानदार और खुशियों से भरा रहता हैं।
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