खबर के अनुसार राज्य में नकली केवाला के आधार पर दाखिल-खारिज रोकने के लिए सरकार ने ये नई व्यवस्था शुरू की हैं। इस नई व्यवस्था के तहत बिहार में एडीएम से जांच करने के बाद ही उस केवाला के आधार पर दाखिल खारिज या जमाबंदी की जाएगी।
बता दें की राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप कुमार जायसवाल ने जानकारी देते हुए कहा है की बिहार में 20 साल पहले के केवाला की जांच एडीएम से करने के बाद ही उस केवाला के आधार पर उस जमीन की दाखिल-खारिज की जाएगी।
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