माइक्रोवेव ऑब्स्क्यूरेंट चैफ रॉकेट क्या है: DRDO द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह एमआर-एमओसीआर एक ऐसी तकनीक हैं, जिसमे एक माइक्रोवेव-अस्पष्ट बादल बनाता है जो रडार संकेतों को बाधित करता है, जिससे दुश्मन के रडार नौसैनिक जहाजों का पता नहीं लगा सकते हैं।
बात दें की माइक्रोवेव ऑब्स्क्यूरेंट चैफ रॉकेट (एमआर-एमओसीआर) की मदद से भारतीय नौसेना अपने जहाजों को दुश्मनों से बचा सकेगी और युद्ध के स्थिति में दुश्मनों को ट्रैक कर उसे चंद मिनटों में बर्बाद कर सकेगी। इसे सेना की ताकत में वृद्धि होगी।
दरअसल इस हथियार के पहले चरण के परीक्षण के दौरान एमओसी क्लाउड खिला रहा और अंतरिक्ष में लगातार बना रहा। दूसरे चरण के परीक्षणों में रडार क्रॉस सेक्शन (आरसीएस) द्वारा हवाई लक्ष्य को 90 प्रतिशत तक कम करने का प्रदर्शन किया। अब इसे भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया हैं।
0 comments:
Post a Comment