स्पोर्ट्स सिटी का उद्देश्य और महत्व
बिहार स्पोर्ट्स सिटी का मुख्य उद्देश्य राज्य में खेलों के स्तर को ऊंचा करना और यहां के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह परियोजना बिहार को खेलों में प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यहां पर अत्याधुनिक खेल अवसंरचना, खिलाड़ियों के लिए ट्रेनिंग फैसिलिटी, छात्रावास, खेल विज्ञान प्रयोगशालाएं और ओलंपिक-मानक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता को पहचान सकेंगे।
स्पोर्ट्स सिटी में आधुनिक सुविधाएं
स्पोर्ट्स सिटी में खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर की सुविधाएं दी जाएंगी, जो उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेंगी। इस स्पोर्ट्स सिटी में क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस, तीरंदाजी, ताइक्वांडो और स्विमिंग जैसी विभिन्न खेलों के लिए अलग-अलग मैदान होंगे। इसमें स्पा, सौना बाथ, फिजियोथेरेपी, योग, जिम और ई-स्पोर्ट्स जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
वहीं, इस केंद्र में खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए कोचिंग और प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां पर आधुनिक स्टैंड, लॉकर रूम, वार्म-अप एरिया, वीआईपी सीटिंग, डिजिटल सेंटर और प्राइवेट सुइट बॉक्स जैसी सुविधाएं भी होंगी। रेस्टोरेंट, क्लब हाउस, कन्वेंशन सेंटर, बैंक्वेट हॉल और कॉन्फ्रेंस हॉल जैसी सुविधाएं भी खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए उपलब्ध होंगी।
बजट और भविष्य की योजनाएं
बिहार सरकार ने 2025-26 के बजट में खेलों के लिए कुल 568 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले साल के 480 करोड़ रुपये से 88 करोड़ अधिक है। इसमें स्टेडियम और खेल संरचना के लिए 373 करोड़ रुपये और खेलकूद गतिविधियों के लिए 195 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस बढ़े हुए बजट का मुख्य उद्देश्य राज्य में खेल के क्षेत्र को और मजबूत करना और खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करना है।
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