एक-दो नहीं, तुलसी की मंजरी 100 रोगों की दुश्मन!

हेल्थ डेस्क। भारतीय आयुर्वेद में तुलसी को बहुत फायदेमंद माना गया हैं। तुलसी की सबसे खास बात है इसकी मंजरी—वो छोटा-सा फूलों का गुच्छा, जिसे आमतौर पर लोग तोड़कर फेक देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही मंजरी 100 से अधिक रोगों का काल है?

क्या है तुलसी की मंजरी?

तुलसी की मंजरी यानी उसके फूलों का गुच्छा—दिखने में छोटा जरूर होता है, लेकिन इसके औषधीय गुण अपार हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यही वजह है कि इसे कई बीमारियों के उपचार में उपयोग किया जाता है।

कौन-कौन सी बीमारियों में फायदेमंद?

1 .सर्दी-खांसी और जुकाम: तुलसी की मंजरी को अदरक और शहद के साथ सेवन करने से पुराना से पुराना जुकाम भी ठीक हो जाता है।

2 .पाचन तंत्र की गड़बड़ी: इसे चबाने या इसके काढ़े का सेवन करने से गैस, अपच और कब्ज में राहत मिलती है।

3 .सिरदर्द और माइग्रेन: मंजरी की सुगंध से मानसिक तनाव कम होता है और सिरदर्द में राहत मिलती है।

4 .इम्यून सिस्टम मजबूत: यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करती है।

5 .ब्लड शुगर कंट्रोल: तुलसी की मंजरी नियमित रूप से लेने से शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

6 .त्वचा रोग: मंजरी को पीसकर लगाने से फोड़े-फुंसी, कील-मुंहासे दूर होते हैं।

कैसे करें उपयोग?

1 .चाय में डालकर: तुलसी की मंजरी को हर्बल चाय में डालें। स्वाद भी बढ़ेगा और सेहत भी।

2 .काढ़ा बनाकर: तुलसी की पत्तियों और मंजरी को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और सुबह-शाम सेवन करें।

3 .सूखा कर पाउडर: मंजरी को छांव में सुखाकर उसका पाउडर बनाएं और आधा चम्मच रोज सुबह गर्म पानी के साथ लें।

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