बिहार में केला की खेती को मिल रहा 40% अनुदान

न्यूज डेस्क। बिहार में खेती की दिशा में एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। पारंपरिक फसलें जैसे धान और गेहूं की खेती के स्थान पर अब किसान सब्जी और बागवानी की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण है राज्य सरकार द्वारा वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने के लिए दी जा रही अनुदान सहायता। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत केला विकास योजना शुरू की गई है, जो किसानों के लिए नई आशाओं का द्वार खोल रही है।

केला की खेती पर 40 फीसदी अनुदान

राज्य सरकार ने केला की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 40 फीसदी अनुदान की व्यवस्था की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर ज्यादा लाभकारी और टिकाऊ विकल्प की ओर मोड़ना है। अनुदान मिलने से किसानों की आर्थिक बाधाएं कम हो रही हैं, जिससे वे अधिक आत्मविश्वास के साथ केला की खेती अपना रहे हैं।

किसानों को अनुदानित दर पर पौधा

जिला उद्यान कार्यालय द्वारा किसानों को अनुदानित दर पर केला के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे खेती की शुरुआती लागत में भारी कमी आएगी और उत्पादन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। सरकार की यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि कृषि विविधिकरण के लक्ष्य को भी बल देगी।

वैकल्पिक खेती की ओर बढ़ते कदम

धान और गेहूं जैसी परंपरागत फसलों की तुलना में केला और अन्य बागवानी फसलें अधिक लाभदायक साबित हो रही हैं। कम समय में अधिक आमदनी देने वाली इन फसलों से किसान तेजी से जुड़ रहे हैं। सरकार द्वारा दी जा रही तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण से किसानों की जागरूकता और दक्षता भी बढ़ रही है।

ऑनलाइन आवेदन के लिए वेबसाइट : https://horticulture.bihar.gov.in/

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