भारत की उड़ान: आ रहा देश का पहला 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट

नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए देश ने अपने पहले 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) के विकास में तेजी कर दी है। अब इस प्रोजेक्ट के लिए निजी कंपनियों से एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) मांगे गए, जो इस परियोजना की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।

2033 तक पहली उड़ान

AMCA की पहली उड़ान 2033 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है, और इसके बाद इसे भारतीय वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य 2035 है। जुलाई के पहले सप्ताह में प्री-EOI बैठक आयोजित की जाएगी, जिससे स्वदेशी कंपनियों को इस प्रोजेक्ट की जटिलताओं और आवश्यकताओं को समझने का मौका मिलेगा।

AMCA का महत्व और लक्ष्य

एरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी (ADA) के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य देश की स्वदेशी एयरोनॉटिकल इंडस्ट्री को सशक्त बनाना है। EOI प्रक्रिया के जरिए उन कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा जिनके पास AMCA के प्रोटोटाइप के निर्माण, फ्लाइट टेस्टिंग, और सर्टिफिकेशन के लिए तकनीकी और व्यावसायिक योग्यता हो। देश के भीतर सिंगल कंपनी, ज्वाइंट वेंचर या कंसोर्टियम इस प्रोजेक्ट में भाग ले सकते हैं। चयनित कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट मिलने के बाद 8 साल के भीतर AMCA का डेवलपमेंट, प्रोटोटाइपिंग और टेस्टिंग पूरी करनी होगी।

तकनीकी विशेषताएं: स्टील्थ और स्वदेशी तकनीक का मेल

भारत ने पहले भी तेजस जैसे स्वदेशी फाइटर जेट बनाकर अपनी तकनीकी क्षमता साबित की है। अब AMCA इस दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहला स्वदेशी दो इंजन वाला फाइटर जेट होगा, जो दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम होगा। इसका डिजाइन स्टील्थ तकनीक पर आधारित है, जो रडार सिग्नेचर को कम करता है और इसे पकड़ना मुश्किल बनाता है। 

AMCA 1.2 से 1.8 मैक की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा और करीब 10 घंटे तक लगातार उड़ान भरने की क्षमता रखेगा।  विश्व के अन्य प्रमुख देश जैसे रूस, अमेरिका, और चीन के 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट भारी वज़न (30-35 टन) के होते हैं। जबकि AMCA का कुल वजन लगभग 25 टन होगा, जो इसे अधिक घातक और जेट बनाएगा।

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