बिहार में करीब 600 तरह की दवाएं मिलेगी मुफ्त

पटना। बिहार ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जहां एक समय राज्य को चिकित्सा संसाधनों की कमी के लिए जाना जाता था, वहीं आज वह दवा वितरण व्यवस्था में पूरे देश में पहले स्थान पर है। यह बदलाव सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की आम जनता को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है।

11 महीने से देश में शीर्ष पर बिहार

केंद्र सरकार के औषधि एवं टीका वितरण प्रबंधन प्रणाली (डीवीडीएमएस) पोर्टल के ताज़ा आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिहार लगातार 11वें महीने भी दवा वितरण एवं आपूर्ति के मामले में देश में अव्वल रहा है। सितंबर 2024 से लेकर अब तक बिहार ने 82.13 अंकों के साथ शीर्ष स्थान बनाए रखा है। इसके बाद राजस्थान और पंजाब क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।

47 से 611 दवाओं तक का सफर

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुसार, 2006 में जब मुफ्त दवा वितरण नीति की शुरुआत की गई थी, तब केवल 47 प्रकार की दवाएं मरीजों को निःशुल्क दी जाती थीं। लेकिन आज यह संख्या बढ़कर 611 हो चुकी है। इसके अलावा, मरीजों को 20 और प्रकार की विशेष दवाएं तथा 132 प्रकार के चिकित्सा उपकरण और उपयोगी वस्तुएं भी मुफ्त दी जा रही हैं।

सभी के लिए मुफ्त, बिना भेदभाव

बिहार की यह नीति सभी वर्गों के मरीजों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। अब राज्य के सरकारी अस्पतालों में आने वाले हर मरीज को उसकी बीमारी के अनुसार दवा मुफ्त दी जाती है। इसमें जीवन रक्षक दवाएं, कैंसर, गठिया, अस्थमा, रक्त विकार, एलर्जी और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं भी शामिल हैं। यह व्यवस्था किसी भी आर्थिक या सामाजिक स्थिति को ध्यान में रखे बिना हर नागरिक को स्वास्थ्य सेवा का अधिकार दिलाती है।

सफल क्रियान्वयन के पीछे डिजिटल प्रबंधन

इस सफलता के पीछे आधुनिक तकनीक और पारदर्शिता भी एक बड़ा कारण है। डीवीडीएमएस पोर्टल के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति, स्टॉक और वितरण की निगरानी की जाती है, जिससे समय पर दवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। यह व्यवस्था राज्य की चिकित्सा व्यवस्था में पारदर्शिता और कुशलता दोनों ला रही है।

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