नियुक्ति की पृष्ठभूमि
यह महत्वपूर्ण निर्णय पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य अजय कुमार यादव द्वारा उठाए गए एक संवेदनशील मुद्दे के बाद लिया गया है। उन्होंने राजभवन को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में वर्षों से लंबित लाइब्रेरियन पदों की नियुक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया था। इस पत्र को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोग्थु ने शिक्षा विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा विभाग को निर्देश
राजभवन सचिवालय की ओर से शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र भेजा गया है, जिसमें नियमानुसार शीघ्र नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। यह निर्देश न केवल एक औपचारिक प्रक्रिया की शुरुआत है, बल्कि यह उच्च शिक्षा क्षेत्र में एक ठोस सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर
इस पहल से हजारों शिक्षित युवाओं को पुस्तकालय विज्ञान जैसे क्षेत्र में रोजगार का अवसर मिलेगा। बिहार में ऐसे अनेक युवा हैं जिन्होंने लाइब्रेरी साइंस में डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त की है, लेकिन उन्हें रोजगार के सीमित अवसर मिलते थे। इस नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से उनकी प्रतीक्षा अब समाप्त होने की संभावना है।
शिक्षा प्रणाली को मिलेगा बल
लाइब्रेरियन किसी भी शैक्षणिक संस्थान की रीढ़ माने जाते हैं। उनके होने से न केवल विद्यार्थियों को बेहतर अध्ययन सामग्री उपलब्ध होती है, बल्कि शोध और अध्ययन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। बिहार के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में वर्षों से खाली पड़े लाइब्रेरियन के पदों की भरती से शैक्षणिक माहौल में सकारात्मक बदलाव आएगा।
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