ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व
जाने-माने ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस वर्ष मकर राशि के स्वामी ग्रह शनि और सूर्य एक साथ समसप्तक योग बना रहे हैं। यह योग लंबे समय बाद बना है, जो पर्व की महत्ता को बढ़ाता है। इस योग के चलते सूर्य का प्रभाव विशेष रूप से कर्क और मीन राशि पर सकारात्मक रहेगा। ऐसे शुभ योग भाइयों और बहनों के रिश्ते को मजबूत करने में सहायक होंगे।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त और परंपराएँ
सावन मास की पूर्णिमा 9 अगस्त की दोपहर 2:15 बजे से शुरू होगी, लेकिन उदया तिथि की प्रधानता के कारण इसी दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:27 बजे से दोपहर 1:26 बजे तक रहेगा। हालांकि, इस मुहूर्त के बाद भी पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।
राखी बांधने की परंपरा में बहनें अपने भाइयों के लिए रोली, अक्षत, मिठाई और दीपक से सजाई हुई थाली तैयार करती हैं। इस थाली के साथ वे भाई के माथे पर रोली-अक्षत का तिलक लगाती हैं, दाहिने हाथ में राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु व समृद्धि की कामना करती हैं। भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं, जिससे यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती का प्रतीक बनता है।
रक्षाबंधन: प्रेम और सुरक्षा का संदेश
रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच विश्वास, सम्मान और सुरक्षा के भाव का प्रतीक है। यह दिन परिवार के सभी सदस्यों को जोड़ता है और रिश्तों में मिठास भरता है। इस साल के शुभ योग इसे और भी यादगार बनाएंगे।
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