ब्रह्मोस-ए: हवा से मार करने वाली संहारक मिसाइल
ब्रह्मोस-ए, विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक हैं। यह मिसाइल 2.8 से 3.0 मैक (ध्वनि की गति से तीन गुना तेज) की रफ्तार से उड़ान भर सकती है और 450 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक लक्ष्य भेद सकती है। इसके विस्तारित रेंज वर्जन से यह दूरी 800 किलोमीटर तक भी जा सकती है, जिससे यह किसी भी दुश्मन की रणनीतिक गहराई में हमला करने में सक्षम बन जाती है।
'दागो और भूल जाओ' का भरोसेमंद हथियार
ब्रह्मोस-ए की सबसे खास बात इसका "फायर एंड फॉरगेट" सिद्धांत है। एक बार लक्ष्य सेट कर दाग देने के बाद इसे किसी मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती — यह अपने आप ही लक्ष्य तक पहुँचकर सटीक हमला करती है। Su-30MKI जैसे भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लॉन्च की जाने वाली यह मिसाइल 200-300 किलोग्राम तक का उच्च-विस्फोटक वारहेड ले जाने में सक्षम है।
ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई ताकत
हाल ही में संपन्न "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान ब्रह्मोस-ए ने पाकिस्तानी वायुसेना के अहम ठिकानों — रनवे और एयरबेस — को निशाना बनाकर उसकी सटीकता और विनाशक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया। यह पहली बार था जब इसे एक सक्रिय सैन्य ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया, और इसके प्रभाव ने भारत की वायु शक्ति को एक नई परिभाषा दी।
क्यों खास है यह मिसाइल?
अदृश्य हमलावर: ब्रह्मोस-ए रडार को चकमा देने में सक्षम है। यह 15 किलोमीटर की ऊँचाई से लेकर मात्र 10 मीटर की ऊँचाई पर उड़ते हुए भी हमला कर सकती है, जिससे इसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है।
बहु-भूमिकाएँ: यह मिसाइल जमीन और समुद्र दोनों लक्ष्यों पर समान रूप से असरदार है — मतलब यह एक बहुआयामी हथियार है।
सर्जिकल स्ट्राइक के लिए आदर्श: इसकी सटीकता और तेज़ी इसे सीमित समय में अधिकतम नुकसान पहुंचाने में सक्षम बनाती है।
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