11 साल बाद हुआ संशोधन, चुनाव कर्मियों को राहत
चुनाव आयोग का यह फैसला न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूती देगा, बल्कि चुनाव ड्यूटी में उनकी भागीदारी को और अधिक प्रेरित करेगा। अब उन्हें पहले की तुलना में अधिक मानदेय और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे चुनावी प्रक्रिया में उनकी सहभागिता अधिक प्रभावी हो सकेगी।
अब इतना मिलेगा मानदेय, एक नजर में दरें
पीठासीन अधिकारी / मतगणना पर्यवेक्षक: ₹500 प्रतिदिन या ₹2000 एकमुश्त, मतदान अधिकारी: ₹400 प्रतिदिन या ₹1600 एकमुश्त, मतगणना सहायक: ₹450 प्रतिदिन या ₹1350 एकमुश्त, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी: ₹350 प्रतिदिन या ₹1400 एकमुश्त, कॉल सेंटर / नियंत्रण कक्ष (चतुर्थ श्रेणी): ₹1000 एकमुश्त, वीडियो निगरानी / मीडिया प्रमाणन (श्रेणी I/II): ₹3000 एकमुश्त, वीडियो निगरानी / मीडिया प्रमाणन (श्रेणी III): ₹2000 एकमुश्त, माइक्रो आब्जर्वर: ₹2000 एकमुश्त।
भोजन और जलपान भत्ता भी तीन गुना बढ़ा
मतदान और मतगणना ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों को मिलने वाले भोजन एवं जलपान भत्ते में भी तीन गुना बढ़ोतरी की गई है। पहले जहां यह राशि ₹150 प्रतिदिन थी, अब इसे बढ़ाकर ₹500 प्रतिदिन कर दिया गया है। यह लाभ पुलिस बल, होमगार्ड, एनसीसी कैडेट्स समेत सभी चुनावी स्टाफ को मिलेगा।
सीएपीएफ और अन्य सुरक्षाबलों को भी राहत
सीएपीएफ अधिकारियों को भी अब उनके 15 दिनों की तैनाती के लिए अधिक मानदेय मिलेगा। नई दरें इस प्रकार हैं: सीएपीएफ राजपत्रित अधिकारी: ₹4000, अधीनस्थ अधिकारी: ₹3000, अन्य रैंक: ₹2500
उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को पूरे महीने का वेतन
इस संशोधन के तहत उप जिला निर्वाचन अधिकारियों को अब उनके एक माह के मूल वेतन के बराबर मानदेय मिलेगा, जो पहले शून्य था। वहीं सहायक व्यय पर्यवेक्षक, सेक्टर अधिकारी और सेक्टर पुलिस अधिकारियों का मानदेय ₹7500 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दिया गया है।
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