बिहार में सभी 'जमीन मालिकों' के लिए खुशखबरी

पटना। बिहार के भूमि मालिकों और रैयतों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब उन्हें अपनी जमीन से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। पटना जिले के अकबरपुर में भूमि सुधार को लेकर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अंचलाधिकारी संजय कुमार प्रसाद ने यह जानकारी दी। यह प्रशिक्षण राजस्व कर्मियों और अमीनों को दिया गया, ताकि वे आम लोगों तक पहुंचकर इस अभियान को सफल बना सकें।

16 अगस्त से शुरू होगा महाअभियान

राज्य सरकार द्वारा 16 अगस्त से 20 सितंबर तक ‘राजस्व महाअभियान’ चलाया जाएगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है—जमीन से संबंधित त्रुटियों को दूर करना और दस्तावेजों को दुरुस्त करना। इसके अंतर्गत हर प्रखंड, हल्का और राजस्व गांव (मौजा) में शिविर लगाए जाएंगे, जहां आम लोग सीधे पहुंचकर अपनी समस्याएं दर्ज कर सकेंगे और उनका समाधान भी पा सकेंगे।

अब कर्मचारियों की मदद से होगा आवेदन

एक खास बात यह है कि इस बार सरकारी कर्मचारी और अमीन खुद लोगों के घर-घर जाकर संपर्क करेंगे और उन्हें आवेदन भरने में मदद करेंगे। यह पहल खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो दस्तावेजी प्रक्रिया से अनजान हैं या जिनके पास डिजिटल सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

तकनीकी संसाधनों से लैस शिविर

प्रत्येक शिविर में तकनीकी रूप से सक्षम 10 सर्वेक्षण अमीन लैपटॉप और इंटरनेट डोंगल के साथ मौजूद रहेंगे। ये अमीन लोगों से प्राप्त आवेदन की जानकारी कंप्यूटर में दर्ज करेंगे, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और तेज हो सके। इसके साथ ही, प्रत्येक शिविर में एक राजस्व कर्मचारी प्रभारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जो सारी गतिविधियों की निगरानी करेगा और प्रतिदिन की रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करेगा।

किन-किन कामों का निपटारा होगा?

इस अभियान में निम्नलिखित भूमि-संबंधी कार्यों का समाधान किया जाएगा:

दाखिल-खारिज की प्रक्रिया

खाता और खसरा में नाम की त्रुटियाँ

वंशावली के आधार पर नाम दर्ज करना

विभाजन के बाद नई जमाबंदी बनाना

पुरानी या छूटी हुई जमाबंदियों का डिजिटलीकरण

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