रूस-यूक्रेन युद्ध होगा खत्म? मिलेंगे ट्रंप-पुतिन

न्यूज डेस्क। 15 अगस्त 2025 को अमेरिकी राजनीति और वैश्विक कूटनीति दोनों के लिए एक निर्णायक दिन साबित हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की है कि वे अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस हाई-प्रोफाइल बैठक का मकसद स्पष्ट है, रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित शांति समझौते की संभावनाएं टटोलना।

'कुछ क्षेत्रों की अदला-बदली' से नया विवाद?

ट्रंप ने वाइट हाउस में आर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं के साथ बातचीत के दौरान कहा कि रूस से उनकी वार्ता “जटिल” जरूर होगी, लेकिन “दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद” भी हो सकती है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि “कुछ वापस मिलेगा और कुछ बदले में जाएगा।”

यह बयान सीधे-सीधे उन विवादित क्षेत्रों की ओर इशारा करता है जिन्हें रूस 2014 के बाद से यूक्रेन से छीन चुका है। जैसे क्रीमिया, डोनेत्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जापोरिजिया। इन इलाकों पर किसी भी प्रकार की 'डील' करना न केवल यूक्रेन के लिए अस्वीकार्य है, बल्कि उसके यूरोपीय सहयोगियों के लिए भी यह एक लाल रेखा मानी जाती है।

ट्रंप की रणनीति: युद्ध खत्म करने का दावा

चुनावी रैलियों और इंटरव्यू में ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं, तो “24 घंटे में” रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कर सकते हैं। उनका यह दावा जितना साहसी है, उतना ही अस्पष्ट भी। हालांकि अब जब वे पुतिन से आमने-सामने बात करने जा रहे हैं, तो यह स्पष्ट होगा कि उनके पास कोई ठोस योजना है या यह सिर्फ चुनावी बयानबाज़ी थी।

ट्रंप का रुख पुतिन के प्रति अक्सर नरम रहा है। वे उन्हें “अच्छा वार्ताकार” कह चुके हैं और कई बार यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की तुलना में पुतिन की स्थिति को बेहतर बताया है। लेकिन हाल ही में रूस के हमलों को लेकर ट्रंप ने कड़ा रुख अपनाया है और संभावित व्यापारिक प्रतिबंधों की चेतावनी भी दी है।

इस बैठक से यूक्रेन और यूरोपीय देशों की चिंता

ट्रंप-पुतिन वार्ता को लेकर यूक्रेन और उसके सहयोगी देशों में चिंता साफ दिखाई दे रही है। किसी भी ऐसे समझौते को मान्यता देना, जिसमें रूस को कब्जाए गए क्षेत्रों पर अधिकार मिल जाए, न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून की अवहेलना होगी, बल्कि यह भविष्य में अन्य आक्रामक कार्रवाइयों को भी प्रेरित कर सकता है।

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