रेरा बिहार के अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे प्रोजेक्ट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में सारण जिले में 14 ऐसे प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई है, जिन पर कार्यवाही भी शुरू हो चुकी है। इस प्रकार की कार्यवाही से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रेरा का यह भी मानना है कि लोगों में इस विषय को लेकर अभी भी पर्याप्त जागरूकता नहीं है। यही वजह है कि वे अक्सर चमकदार विज्ञापनों और सस्ती कीमतों के लालच में आकर बिना पंजीकरण वाले प्रोजेक्ट्स में पैसा लगा देते हैं, जो भविष्य में उन्हें भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
इसी उद्देश्य से रेरा ने ‘रू-ब-रू’ नामक एक त्रैमासिक पत्रिका की शुरुआत की है, जिसका दूसरा अंक हाल ही में जारी किया गया। इस पत्रिका के माध्यम से लोगों को रियल एस्टेट से जुड़े नियम-कानून, प्रोजेक्ट्स की स्थिति और सुरक्षित निवेश के तरीकों की जानकारी दी जा रही है।
रेरा बिहार लोगों से अपील की है कि वे किसी भी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन नंबर जरूर जांच लें। रेरा की वेबसाइट पर यह जानकारी आसानी से उपलब्ध होती है। सरकार की ओर से लगातार कार्यशालाएं और जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं ताकि खरीदारों को सही जानकारी मिले और वे किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बच सकें।
क्या करें, क्या न करें:
जरूर जांचें: किसी भी प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से पहले रेरा पर उसका रजिस्ट्रेशन स्टेटस जरूर जांचें।
विज्ञापनों से सावधान रहें: लुभावने ऑफर और स्कीम्स के झांसे में न आएं।
जानकारी लें: रेरा की वेबसाइट और ऑफिसियल प्लेटफॉर्म से जानकारी प्राप्त करें।
सावधानी बरतें: बिना कानूनी सत्यापन के कोई अग्रिम भुगतान न करें।
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