केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात, सरकार का एलान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब अगर कोई कर्मचारी केंद्र सरकार की सेवा में आने से पहले किसी स्वायत्त निकाय (Autonomous Body) में कार्यरत रहा है, तो उस अवधि को भी ग्रेच्युटी (Gratuity) की गणना में जोड़ा जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में राज्यसभा में लिखित उत्तर के माध्यम से दी।

क्या है यह नया नियम?

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने वर्ष 2021 में "केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम" अधिसूचित किए थे। इन नियमों के अनुसार, भले ही स्वायत्त निकायों पर ये नियम सीधे तौर पर लागू नहीं होते, लेकिन अगर कोई कर्मचारी पहले किसी स्वायत्त संस्था में काम कर चुका है और बाद में केंद्र सरकार की सेवा में आया है, तो उस व्यक्ति की पूर्व सेवा अवधि को ग्रेच्युटी के लिए मान्यता दी जा सकती है।

स्वायत्त निकाय क्या होते हैं?

स्वायत्त निकाय वे सरकारी संस्थाएं होती हैं जिन्हें कामकाज में कुछ हद तक स्वतंत्रता प्राप्त होती है। उदाहरण के तौर पर – विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय स्तर की अकादमियां आदि। हालांकि ये सरकार के अधीन होते हैं, लेकिन इनका प्रबंधन और संचालन स्वतंत्र रूप से किया जाता है।

ग्रेच्युटी भुगतान से जुड़ी शर्तें

मंत्री के अनुसार, स्वायत्त निकायों में सेवा देने वाले कर्मचारियों के ग्रेच्युटी भुगतान, ब्याज की गणना और सेवा अवधि की मान्यता जैसे मामलों में निर्णय स्वयं उस निकाय द्वारा बनाए गए नियमों पर निर्भर करेगा। यानी प्रत्येक स्वायत्त निकाय के ग्रेच्युटी नियम अलग-अलग हो सकते हैं।

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