क्यों मिल रहा है केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता?
बिहार सरकार अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार के सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन देती है। इसी वजह से राज्य के कर्मियों को भी वही महंगाई भत्ता मिलता है जो केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को देती है। केंद्र सरकार साल में दो बार — जनवरी और जुलाई — में डीए में संशोधन करती है, और बिहार सरकार उसी दर को कुछ समय बाद लागू करती है।
डीए वृद्धि की वजह क्या है?
महंगाई भत्ता और महंगाई राहत (Dearness Relief - DR) की गणना अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) पर आधारित होती है, जो औद्योगिक श्रमिकों के लिए तय किया जाता है। जून 2025 के आंकड़ों के अनुसार इस सूचकांक में 1.0 अंक की बढ़त हुई है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि डीए में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी तय है।
कब होगी घोषणा?
मीडिया के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते की घोषणा सितंबर या अक्टूबर 2025 में की जा सकती है, और वह जुलाई से प्रभावी मानी जाएगी। उसके कुछ ही दिनों बाद बिहार सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए यही दर लागू करेगी। यह फैसला संभवतः दशहरा और दीपावली के आसपास घोषित किया जाएगा, जिससे त्योहारों से पहले कर्मचारियों को अतिरिक्त राहत और उत्साह दोनों मिलेगा।
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