क्या बदला है NPS में?
अब तक NPS से रिटायरमेंट के समय कम से कम 40% कॉर्पस से एन्यूटी (पेंशन योजना) खरीदना अनिवार्य था। यानी उस हिस्से की रकम सीधे हाथ में नहीं मिलती थी, बल्कि उससे हर महीने पेंशन मिलती थी। नए नियमों के तहत इस अनिवार्यता को घटाकर 20% कर दिया गया है।
इसका सीधा मतलब यह है कि अब गैर-सरकारी NPS सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट पर अपने कुल फंड का 80% तक हिस्सा एकमुश्त (लंपसम) निकाल सकते हैं। यह बदलाव All Citizen Model और Corporate NPS Model के तहत आने वाले सभी गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स पर लागू होगा।
किन लोगों को मिलेगा इस नियम का फायदा?
PFRDA के नए नियमों के अनुसार यह सुविधा निम्न परिस्थितियों में उपलब्ध होगी:
60 साल की उम्र में सामान्य रिटायरमेंट
न्यूनतम सब्सक्रिप्शन अवधि पूरी करने के बाद एग्जिट
60 से 85 वर्ष की उम्र के बीच NPS से बाहर निकलने की स्थिति
यानि रिटायरमेंट के समय मिलने वाली रकम का बड़ा हिस्सा अब सीधे निकाला जा सकेगा।
कॉर्पस के हिसाब से निकासी के नए नियम
नए नियमों में कुल जमा राशि (कॉर्पस) के आधार पर अलग-अलग विकल्प दिए गए हैं:
1. अगर कॉर्पस 8 लाख रुपये तक है: पूरी रकम लंपसम निकाली जा सकती है, एन्यूटी लेना पूरी तरह वैकल्पिक होगा, चाहें तो अधिकतम 20% तक एन्यूटी ले सकते हैं
2. अगर कॉर्पस 8 लाख से 12 लाख रुपये के बीच है: अधिकतम 6 लाख रुपये तक लंपसम निकासी की अनुमति, शेष राशि से एन्यूटी खरीदी जा सकती है या फिर अधिकतम 6 साल तक Systematic Withdrawal के जरिए पैसा निकाला जा सकता है
3. अगर कॉर्पस 12 लाख रुपये से ज्यादा है: कम से कम 20% राशि से एन्यूटी खरीदना अनिवार्य, बाकी अधिकतम 80% रकम लंपसम निकाली जा सकती है
इस बदलाव का क्या फायदा होगा?
इस नए नियम से NPS सब्सक्राइबर्स को कई फायदे मिलेंगे: जैसे रिटायरमेंट पर ज्यादा कैश फ्लो, मेडिकल, घर या अन्य जरूरी खर्चों के लिए फंड की उपलब्धता, कम ब्याज वाली एन्यूटी पर निर्भरता घटेगी, रिटायरमेंट प्लानिंग में ज्यादा लचीलापन मिलेगा।
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