आईटी सेक्टर के युवाओं की सबसे ज्यादा भागीदारी
इस योजना में सबसे अधिक रुचि आईटी सेक्टर से जुड़े युवाओं ने दिखाई है। पंजीकरण कराने वाले युवाओं में लगभग 70 प्रतिशत आईटी डिप्लोमा या स्नातक धारक हैं। इसके अलावा करीब 18 प्रतिशत ऐसे युवा हैं जो 12वीं पास हैं और कौशल विकास के उद्देश्य से इंटर्नशिप करना चाहते हैं। इंटरमीडिएट, स्नातक, स्नातकोत्तर, आईटीआई, पॉलिटेक्निक और फैशन टेक्नोलॉजी जैसे रोजगारपरक क्षेत्रों से जुड़े युवाओं की भी अच्छी-खासी भागीदारी देखने को मिल रही है।
कंपनियों में मिल रहा इंटर्नशिप का अवसर
श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद के अनुसार, जिला और मुख्यालय स्तर पर हुए पंजीकरण के बाद सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर अब तक करीब एक हजार युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार प्रदेश और देश की बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप दिलाई जा चुकी है। इस योजना में 400 से अधिक कंपनियों ने इंटर्नशिप कराने में रुचि दिखाई है। हालांकि, कंपनियां अपनी जरूरतों के अनुसार युवाओं का चयन कर रही हैं। बिहार सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में पांच हजार युवाओं को इंटर्नशिप देने का लक्ष्य रखा है, जिसे फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा।
जिला स्तर पर तेजी से हो रहा पंजीकरण
जिला स्तर पर कौशल विकास से जुड़ी इंटर्नशिप के लिए भी बड़ी संख्या में युवाओं ने आवेदन किया है। इसको देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं ताकि पात्र युवाओं को समय पर इंटर्नशिप का लाभ मिल सके। इसके लिए राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 40 करोड़ 69 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की है।
इंटर्नशिप की अवधि और स्टाइपेंड
इस योजना के तहत इंटर्नशिप की अवधि तीन महीने से लेकर एक साल तक निर्धारित की गई है। युवाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है: जिला स्तर पर कौशल प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को 4,000 रुपये, आईटीआई या डिप्लोमा पास युवाओं को 5,000 रुपये, स्नातक या स्नातकोत्तर युवाओं को 6,000 रुपये और राज्य के बाहर इंटर्नशिप करने पर अतिरिक्त 5,000 रुपये की सहायता दी जाती हैं।

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