2025 में केंद्र के 5 बड़े फैसले: मिडिल क्लास के लिए सरप्राइज राहत

नई दिल्ली। साल 2025 केंद्र सरकार की नीतियों के लिहाज से मिडिल क्लास और आम लोगों के लिए राहत भरा साबित हुआ है। बैंकिंग से लेकर टैक्स और रोजमर्रा की जरूरतों तक, कई ऐसे फैसले लिए गए हैं जिनका सीधा असर लोगों की जेब, बचत और जीवनशैली पर पड़ा है। सरकार और वित्तीय संस्थानों की इन पहलों ने न केवल खर्च कम किया है, बल्कि भविष्य की वित्तीय योजना को भी आसान बनाया है। आइए जानते हैं 2025 में मिले ऐसे ही पांच बड़े फायदे।

1. नॉमिनी नियमों में बड़ा बदलाव

बैंक खातों में नॉमिनी को लेकर नियमों को अधिक लचीला और पारदर्शी बनाया गया है। अब खाताधारक एक नहीं बल्कि चार नॉमिनी रख सकते हैं। इतना ही नहीं, वे यह भी तय कर सकते हैं कि किस नॉमिनी को कितनी हिस्सेदारी मिलेगी। यह बदलाव परिवारों के लिए वित्तीय सुरक्षा और भविष्य की प्लानिंग को ज्यादा आसान बनाता है।

2 .आधार से जुड़े नियम हुए सरल

केंद्र सरकार ने आधार कार्ड से जुड़े कई नियमों में सुधार किया है। अब एक साल के बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह मुफ्त कर दिया गया है। इसके अलावा, कई आधार सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे लोगों को दफ्तरों के चक्कर लगाने से राहत मिली है। यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और मजबूत पहल माना जा रहा है।

3 .मिडिल क्लास के लिए टैक्स में राहत

2025 में टैक्स स्लैब में किए गए बदलावों ने नौकरीपेशा और मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं देना होगा। इस फैसले से लाखों परिवारों की सालाना बचत बढ़ेगी, जिसे वे निवेश, शिक्षा या घरेलू जरूरतों में इस्तेमाल कर सकेंगे।

4 .जीएसटी सुधार से महंगाई पर लगाम

साल 2025 में सरकार ने जीएसटी प्रणाली में भी बड़ा सुधार किया। सितंबर महीने में किए गए जीएसटी रिफॉर्म के तहत कुल 453 वस्तुओं की टैक्स दरों में बदलाव किया गया, जिनमें से 413 वस्तुओं पर टैक्स घटाया गया। खास बात यह रही कि करीब 295 जरूरी सामानों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत या पूरी तरह शून्य कर दिया गया। इससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती हुईं और आम लोगों को सीधा फायदा मिला।

5 .जीरो बैलेंस खातों को मिली अतिरिक्त ताकत

2025 में रिजर्व बैंक की पहल से जीरो बैलेंस खाताधारकों को बड़ी राहत मिली है। अब इन खातों से यूपीआई, IMPS, NEFT और RTGS जैसे डिजिटल लेनदेन पूरी तरह मुफ्त कर दिए गए हैं। इसके साथ ही एटीएम कार्ड का सालाना शुल्क भी समाप्त कर दिया गया है। इससे खासतौर पर कम आय वर्ग और मिडिल क्लास को फायदा हुआ है, क्योंकि छोटे-छोटे चार्ज अब बचत में बदल रहे हैं।

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