घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कब और कैसे करें

साइंस की बात करें तो जब कोई महिला अपने पुरुष पार्टनर के साथ संबंध बनाती हैं तो उसके दिमाग में सबसे ज्यादा टेंशन इस बात का होता हैं की वो प्रेगनेंट हैं या नहीं। इस बात की चिंता से कभी कभी कोई महिला तनाव में भी आ जाती हैं। आज इसी संदर्भ में मेडिकल साइंस के एक अध्ययन के अनुसार जानने की कोशिश करेंगे उस उपाय के बारे में जिन उपाय को अपना कर आप घर बैठे प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं और साथ हीं साथ ये पता लगा सकते हैं की आप प्रेगनेंट हैं या नहीं। तो आइये जानते हैं विस्तार से की घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कब और कैसे करें।

1 .मेडिकल साइंस के एक अध्ययन के अनुसार संबंध बनाने के 72 घंटे बाद जिन महिलाओं के गर्भाशय में अंडे फर्टाइल हो जाते हैं वो महिलाएं गर्भवती हो जाती हैं। लेकिन भूर्ण निर्माण में इन्हे थोड़ा समय लगता हैं। इस दौरान महिलाओं के शरीर को ये बिल्कुल भी एहसास नहीं होता हैं की वो गर्भवती हैं या नहीं। इस बात को जानने के लिए महिलाओं को संबंध बनाने के 6 से 7 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। इस समय जो महिला प्रेगनेंट हो जाती हैं उनके शरीर में एचसीजी की मात्रा बढ़ जाती हैं। इस दौरान महिलाएं यूरिन टेस्ट के द्वारा अपने प्रेगनेंसी के बारे में जान सकती हैं। 

2 .प्रेगनेंसी के बारे में सही जानकारी हासिल करने के लिए महिलाएं बाजार में उपलब्ध प्रेगनेंसी किट की सहायता से ये जान सकती हैं की वो प्रेगनेंट हैं या नहीं। इस टेस्ट के लिए महिलाएं अपने सुबह के यूरिन को प्रेगनेंसी किट में डालें। अगर महिला प्रेगनेंट होगी तो उसका रिजल्ट पॉजिटिव आएगा। क्यों की जब कोई महिला गर्भवती हो जाती हैं तब उसके यूरिन में एचसीजी की मात्रा बढ़ हैं। जिससे महिलाओं को ये पता चल जाता हैं की महिला गर्भवती हैं या नहीं। 

3 .घर में मौजूद टूथपेस्ट की सहायता से महिलाएं अपना प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं। इस टेस्ट को करने के लिए महिलाएं एक गिलास में टूथपेस्ट के साथ यूरिन की कुछ बुँदे मिलाएं। अगर ये टूथपेस्ट नीला रंग का झागदार हो जाता हैं तो ये यूरिन में मौजूद एचसीजी के कारण होता हैं और ये महिला प्रेगनेंट होती हैं। लेकिन महिलाएं याद रखें की इस टेस्ट में जो भी यूरिन का इस्तेमाल कर रहें हैं वो सुबह का यूरिन होना चाहिए। ये यूरिन बेहतर रिजल्ट बताता हैं। 

4 .महिलाएं घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए शुगर का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस टेस्ट को करने के लिए महिलाओं को एक ग्लास में यूरिन की कुछ मात्रा को लेना पड़ता हैं और फिर इस ग्लास में शुगर को डालना होता हैं। यह शुगर घुलने के बजाए गुच्छे बन जाते हैं तो वो महिला गर्भवती होती हैं। क्यों की प्रेगनेंट होने के बाद महिलाओं के यूरिन में एचसीजी के साथ साथ प्रोटीन की भी मात्रा बढ़ जाती हैं। जिसके कारण महिलाओं के यूरिन में शुगर घुल नहीं पाटा हैं। 

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