1. कागज रहित निबंधन प्रणाली का लाभ
यह निर्णय न केवल बिहार के नागरिकों के लिए राहतकारी होगा, बल्कि इससे प्रशासनिक प्रक्रिया में भी गति आएगी। अब लोगों को संपत्ति के दस्तावेज़ तैयार करने की झंझट से छुटकारा मिलेगा। पेपरलेस प्रणाली के तहत सभी निबंधन प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी, जिससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा। इस पहल से सरकारी कामकाजी प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और नागरिकों को सहज, त्वरित और बिना किसी दिक्कत के सेवाएं मिलेंगी।
2. गो ग्रीन योजना को मिलेगा बढ़ावा
बिहार सरकार के इस कदम से न केवल राज्य के नागरिकों को सुविधा होगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कागज रहित निबंधन प्रणाली से कागज की खपत में भारी कमी आएगी, जो पर्यावरण के लिए एक अच्छी खबर है। पर्यावरण को बचाने के लिए 'गो ग्रीन' योजना को बढ़ावा देने के लिहाज से यह कदम अत्यंत अहम है। यह सुनिश्चित करेगा कि बिहार राज्य में प्रशासनिक प्रक्रिया अधिक पर्यावरण के अनुकूल हो।
3. ऑनलाइन निबंधन पर मिलेगा लाभ
बिहार सरकार ने यह भी घोषणा की है कि देश और विदेश में रहने वाले लोग अब ऑनलाइन निबंधन कर सकेंगे। इससे न केवल बिहार के प्रवासी नागरिकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि राज्य में विभिन्न संपत्तियों की निबंधन प्रक्रिया भी सरल और सुव्यवस्थित हो जाएगी। इस ऑनलाइन प्रणाली पर सरकार ने एक और अच्छी बात की है, जो लोगों के लिए बड़ी राहत है। ऑनलाइन निबंधन पर स्टाम्प ड्यूटी में 1 प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 2000 रुपये होगी। इससे लोगों को न केवल वित्तीय लाभ होगा, बल्कि प्रक्रिया भी अधिक सुगम होगी।
4. पैतृक संपत्ति के बंटवारे पर शुल्क में कमी
बिहार सरकार ने पारिवारिक संपत्तियों के बंटवारे पर भी शुल्क कम करने का फैसला लिया है। अब निबंधन शुल्क और स्टाम्प ड्यूटी को 50-50 रुपये तय किया गया है। यह कदम छोटे परिवारों के लिए खासतौर से फायदेमंद होगा, जो पहले उच्च शुल्क के कारण संपत्ति का बंटवारा नहीं कर पाते थे। अब यह कम शुल्क पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को सरल और सस्ता बना देगा।
5. उद्योग लगाने वालों को मिलेगा विशेष लाभ
BIAAADA (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण) से आवंटित जमीन पर उद्योग लगाने वालों को भी सरकार ने एक बड़ी छूट दी है। इन उद्योगपतियों को स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन शुल्क में पूरी छूट दी जाएगी। यह कदम राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके परिणामस्वरूप बिहार में औद्योगिक विकास और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी।
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