यूपी में अब इन जमीनों की नहीं हो सकेगी रजिस्ट्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सरकार ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो बिल्डर्स और होम बायर्स के बीच होने वाली धोखाधड़ी को रोकने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवादित संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का फैसला लिया है, जो न केवल प्रदेश में रियल एस्टेट के बाजार को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि नागरिकों की संपत्ति की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

धोखाधड़ी की समस्या

उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में कई विवाद सामने आए हैं, जहां बिल्डर्स ने बिना कानूनी अनुमति और नियमन के परियोजनाओं को शुरू किया और घर खरीदने वाले लोगों को धोखा दिया। कई मामलों में यह देखा गया कि बिचौलियों और बिल्डर्स ने जमीनों के विवाद को छिपाया, जिससे खरीदारों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। कई बार तो संपत्तियों पर सरकारी या निजी मालिकाना हक का विवाद भी सामने आया, लेकिन इससे प्रभावित होम बायर्स को किसी भी प्रकार की सुरक्षा नहीं मिल पाई।

मुख्यमंत्री का सख्त आदेश

योगी आदित्यनाथ ने इस पर गंभीर कदम उठाते हुए, राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि विवादित संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाए। इस रोक के पीछे उनका उद्देश्य राज्य में रियल एस्टेट बाजार को पारदर्शी और अधिक विश्वसनीय बनाना है, ताकि नागरिकों को धोखाधड़ी का शिकार न होना पड़े। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर बिल्डर्स ने किसी प्रकार की धोखाधड़ी की तो सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह कदम राज्य सरकार की ओर से एक बड़ा सुधार है, क्योंकि इससे न केवल होम बायर्स की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि रियल एस्टेट में काम करने वाले ईमानदार बिल्डर्स को भी प्रोत्साहन मिलेगा। जिन संपत्तियों में विवाद है, वे अब किसी भी तरह से रजिस्ट्री प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकेंगी, जिससे कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

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