सात जिलों में होगी पान की खेती
राज्य सरकार ने इस योजना के तहत बिहार के सात जिलों को चुना है – नालंदा, शेखपुरा, नवादा, औरंगाबाद, गया, वैशाली और सारण। ये जिले पान की खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं और यहां की जलवायु और मृदा पान की खेती के लिए अनुकूल हैं। इस योजना में शामिल किसान अपनी भूमि पर पान की खेती कर सकेंगे, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।
50 फीसदी अनुदान का प्रावधान
राज्य सरकार ने पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अद्वितीय पहल की है। किसान एक निर्धारित क्षेत्र में पान की खेती करेंगे, और इसके बदले में उन्हें अनुदान मिलेगा। इस योजना के तहत प्रति 100 वर्गमीटर खेती पर 11,750 रुपये का अनुदान दिया जाएगा। एक किसान अधिकतम 300 वर्गमीटर में पान की खेती कर सकता है, और इस हिसाब से वह 35,250 रुपये तक का अनुदान प्राप्त कर सकता है।
पान की खेती और संभावनाएं
पान की खेती बिहार में विशेष रूप से लोकप्रिय है और यह किसानों के लिए एक अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकता है। पान की मांग देशभर में है, विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश, और अन्य राज्यों में। इसके साथ ही, पान की खेती से जुड़े उत्पादों का भी बाजार है, जैसे पान मसाला, सुपारी और अन्य पान से संबंधित सामग्री।
आवेदन की प्रक्रिया और समय सीमा
राज्य सरकार ने इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इच्छुक किसान 25 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की प्रक्रिया सरल है, और किसानों को अपने दस्तावेजों के साथ संबंधित कार्यालयों में आवेदन जमा करना होगा।
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