योजना की मुख्य बातें
1 .हर विधानसभा क्षेत्र में 10 सड़कें: प्रत्येक क्षेत्र में डेढ़ से दो किलोमीटर लंबी 10 नई सड़कें बनाई जाएंगी। ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में यह पहल लोगों के आवागमन को आसान बनाएगी।
2 .प्रत्येक क्षेत्र में 10 करोड़ का बजट: नई सड़कों के निर्माण पर प्रति विधानसभा क्षेत्र 10 करोड़ रुपये तक खर्च किए जाएंगे। इसका मतलब है कि राज्यभर में यह योजना हज़ारों करोड़ की होगी।
3 .ब्रिज भी होंगे शामिल: हर विधानसभा क्षेत्र में छोटे पुल (माइनर ब्रिज) भी बनाए जाएंगे, जिन पर लगभग 5 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर यह संख्या तीन से अधिक भी हो सकती है।
बजट का स्मार्ट बंटवारा
वर्तमान वित्त वर्ष में पीडब्ल्यूडी को कुल 33,000 करोड़ रुपये का बजट मिला है। इसमें से 60% राशि नए निर्माण कार्यों पर खर्च की जाएगी, जबकि शेष 40% राशि पहले से चल रहे कार्यों के लिए आरक्षित है। विभाग ने विधानसभा क्षेत्रवार योजनाएं बनाकर लगभग 45,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव तैयार कर लिए हैं, जबकि शुरुआत में नए कामों पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की संभावना है।
तेजी से शुरू होगा कार्य
इस योजना को मानसून समाप्त होते ही युद्धस्तर पर शुरू किया जाएगा। सभी आवश्यक प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद काम में तेजी लाई जाएगी। छोटे प्रोजेक्ट इसी वित्तीय वर्ष में पूरे करने का लक्ष्य है, जबकि बड़े निर्माण कार्यों को 18-24 महीनों में पूरा किया जाएगा।
ग्रामीण इलाकों को सबसे ज्यादा फायदा
ग्रामीण सड़कों पर प्रति किलोमीटर लगभग 50-55 लाख रुपये की लागत आती है। इस हिसाब से एक विधानसभा क्षेत्र में 18-20 किलोमीटर तक नई सड़कें बनाई जा सकती हैं। इससे किसानों, छात्रों और आम नागरिकों को आवागमन में सहूलियत मिलेगी और क्षेत्रीय व्यापार को भी गति मिलेगी।
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