एलीवेटेड रोड की खासियत?
करीब 9 किलोमीटर लंबी यह रोड शहीद पथ से जुड़ते हुए पालीटेक्निक फ्लाईओवर से शुरू होकर मटियारी, बीबीडी और तिवारीगंज जैसे महत्वपूर्ण चौराहों को पार करते हुए शारदा नहर तक पहुंचेगी। इस पूरे रूट को छह लेन में विभाजित किया जाएगा ताकि नीचे और ऊपर दोनों तरफ का ट्रैफिक स्वतंत्र रूप से चल सके। सेतु निगम ने रोड की डिजाइन में पूरी तरह से बदलाव किया है ताकि ट्रैफिक दबाव को भविष्य के लिहाज से नियंत्रित किया जा सके।
पचास मिनट की होगी बचत
वर्तमान में श्रद्धालुओं और यात्रियों को लखनऊ से अयोध्या की ओर जाने में जाम के कारण 40 से 50 मिनट तक अतिरिक्त समय लग जाता है। यह एलीवेटेड रोड बनने के बाद उतनी ही देर में वे लगभग 30 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगे। यानी यात्रा न सिर्फ तेज होगी, बल्कि सुगम और सुरक्षित भी।
रैंप और जंक्शन से स्थानीय जुड़ाव
इस रोड को स्थानीय ट्रैफिक से जोड़ने के लिए चिनहट, कमता, मटियारी और बीबीडी जैसे इलाकों में सात मीटर चौड़े रैंप बनाए जाएंगे। बीबीडी और तिवारीगंज चौराहों को प्रमुख जंक्शनों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे आसपास के क्षेत्रों की लगभग पांच लाख की आबादी को जाम से राहत मिलेगी।
आउटर रिंग रोड से सीधा कनेक्शन
शारदा नहर के पास जैसे ही यह एलीवेटेड रोड खत्म होगी, वहीं से आउटर रिंग रोड शुरू हो जाती है। इसका सीधा लाभ यह होगा कि पूर्वांचल से आने-जाने वाले वाहन बिना शहर के भीड़-भाड़ में फंसे सीधे इस रूट से जुड़ सकेंगे। इसके साथ ही शहर में प्रवेश करने वाले वाहन भी इसी रोड से आसानी से शहर के अंदर पहुंच सकेंगे।
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