बिहार में मानसून एक्टिव: 19 जिलों में भारी बारिश के आसार

पटना: बिहार में एक बार फिर मॉनसून पूरे तेवर में लौट आया है। बीते कुछ दिनों की बारिश की खामोशी के बाद अब आसमान फिर से गरजने और बरसने को तैयार है। बुधवार को राजधानी पटना समेत राज्य के कई हिस्सों में हुई मूसलाधार बारिश ने मौसम के रुख को पूरी तरह बदल दिया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह सिलसिला यहीं नहीं थमेगा 26 अगस्त तक राज्य के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।

घने बादल और गरज के साथ लौटे बादल

राजधानी पटना में बुधवार देर शाम मूसलधार बारिश ने सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर दिया। सड़कों पर जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं फिर से उभर आईं। नालंदा, लखीसराय, मधेपुरा, कटिहार, जहानाबाद और सीवान जैसे जिलों में भी भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग का कहना है कि मॉनसून ट्रफ लाइन अभी बिहार से होकर गुजर रही है, जिससे वर्षा गतिविधियां बहुत तेज हो गई हैं।

कहां-कहां बरसेगा कहर: ज़िला दर ज़िला अपडेट

21 अगस्त: आज दक्षिण बिहार के 19 जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी गई है। इनमें प्रमुख रूप से पटना, गया, नवादा, जमुई, बक्सर, भभुआ, रोहतास, औरंगाबाद और अरवल शामिल हैं। बिजली गिरने की संभावना भी जताई गई है, जिससे सावधानी बरतने की सख्त ज़रूरत है।

22 अगस्त: पश्चिम चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर, गया और नवादा में अति भारी बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं गोपालगंज, सीवान, सारण, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, नालंदा, पटना, औरंगाबाद और रोहतास जैसे जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

23 अगस्त: सारण, वैशाली, समस्तीपुर और खगड़िया में अत्यधिक वर्षा, जबकि भागलपुर, मुंगेर, बेगूसराय और पटना में भारी बारिश होने की संभावना है।

24 अगस्त: भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और अरवल में भारी बारिश का अनुमान है।

25 अगस्त: बक्सर, कैमूर और रोहतास जिलों को भारी बारिश के खतरे से आगाह किया गया है।

IMD का अलर्ट: अगले सात दिन रहें सतर्क

मौसम विभाग का कहना है कि 22 से 26 अगस्त के बीच बिहार में मानसून अपनी चरम स्थिति में रहेगा। इस दौरान न केवल बारिश तेज़ होगी, बल्कि मेघगर्जन और वज्रपात की घटनाएं भी बढ़ सकती हैं। IMD ने साफ कहा है कि दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी जिलों में वर्षा का प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिलेगा। तापमान में भी 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट का अनुमान है, जिससे मौसम ठंडा जरूर होगा, लेकिन खतरे की अनदेखी नहीं की जा सकती।

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