भारतीय नौसेना की मौजूदा ज़रूरतें
INS विक्रांत जैसे स्वदेशी विमानवाहक पोत के सक्रिय होने के बाद, भारतीय नौसेना को ऐसे लड़ाकू और हथियार प्रणालियों की तलाश है जो उसकी समुद्री प्रभुत्व की रणनीति को मजबूत करें। फिलहाल, नौसेना ऐसे हथियार विकल्पों पर विचार कर रही है जो पनडुब्बियों से लंबी दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकें। इसी संदर्भ में कैलिबर मिसाइल एक व्यवहारिक और प्रभावशाली विकल्प के रूप में सामने आई है।
कैलिबर मिसाइल: तकनीकी क्षमताएं
Kalibr-PL या Club-S मिसाइल 533 मिमी टॉरपीडो ट्यूब से लॉन्च की जा सकती है। यानी यह भारत की मौजूदा रूसी मूल की पनडुब्बियों के लिए उपयुक्त है। इसकी सबसे बड़ी खासियत इसकी बहु-भूमिका (multi-role) क्षमता है: लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LACM), एंटी-सबमरीन वैरिएंट, टॉरपीडो फायरिंग क्षमता। इसके अतिरिक्त, यह मिसाइल 1500 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
रणनीतिक दृष्टिकोण और भविष्य की योजना
भारतीय नौसेना का फोकस एक बहुआयामी और संतुलित समुद्री ताकत के निर्माण पर है। निकट भविष्य में जिन न्यूक्लियर अटैक सबमरीन (SSN) के निर्माण की योजना है, उनमें भी Kalibr मिसाइल को इंटीग्रेट किया जा सकता है। इसके साथ ही, DRDO भी अपनी स्वदेशी पनडुब्बी-लॉन्च क्रूज मिसाइल (SLCM) विकसित कर रहा है, लेकिन उसकी तैनाती में अभी कुछ साल लग सकते हैं।
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