बिहार में 'STET' एग्जाम को लेकर बड़ा अपडेट

पटना। बिहार में शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण नजर आई है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के हालिया बयान के बाद, स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) को लेकर एक नई बहस और उम्मीद शुरू हो गई है। लंबे समय से STET परीक्षा के आयोजन की मांग कर रहे अभ्यर्थियों की आवाज अब सरकार के कानों तक पहुँचती दिखाई दे रही है।

STET की मांग और अभ्यर्थियों का आंदोलन

बीते कुछ महीनों से बिहार के विभिन्न हिस्सों से आए छात्र लगातार यह मांग कर रहे हैं कि BPSC के चौथे चरण की शिक्षक भर्ती (TRE-4) परीक्षा से पहले STET आयोजित किया जाए। अभ्यर्थियों का तर्क स्पष्ट है यदि योग्य उम्मीदवारों को मौका देना है, तो पहले STET की परीक्षा होनी चाहिए जिससे यह तय हो सके कि कौन शिक्षक बनने के योग्य हैं और कौन नहीं।

इस मांग को लेकर हाल के दिनों में राजधानी पटना में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं। 18 अगस्त को छात्रों के एक विशाल समूह ने मार्च किया, जिसे पुलिस द्वारा बलपूर्वक तितर-बितर किया गया। इससे पहले भी 7 अगस्त को प्रदर्शनकारियों को लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा। यह स्पष्ट संकेत है कि युवा अब केवल वादों से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें ठोस कदम चाहिए।

सरकार का रुख और शिक्षा मंत्री का बयान

इन आंदोलनों और जनदबाव के बीच शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का बयान सामने आया है जो थोड़ी राहत लेकर आया है। उन्होंने कहा कि सरकार STET परीक्षा के आयोजन पर  विचार कर रही है और अगले 8-10 दिनों में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि TRE-4 की अधियाचना अगस्त के अंत तक BPSC को भेज दी जाएगी, जबकि TRE-5 विधानसभा चुनाव के बाद आयोजित होगा।

सवाल यह नहीं कि STET होगा या नहीं, सवाल है कब होगा?

बिहार में युवाओं की सबसे बड़ी चिंता यह है कि सरकार ने पहले साल में दो बार STET परीक्षा आयोजित करने की बात कही थी, लेकिन डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी एक भी परीक्षा नहीं हुई है। ऐसे में यह वादा केवल चुनावी घोषणापत्र बनकर रह गया है। अब जब BPSC की TRE-4 परीक्षा सामने है, सरकार कह रही है कि इसके बाद STET होगा। यह उल्टा क्रम है और इस पर युवा सवाल उठा रहे हैं।

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