गुड़ या चीनी - कौन है असली मीठा दोस्त? जानें सच!

हेल्थ डेस्क। मीठा हर किसी की ज़िंदगी में खास जगह रखता है। चाहे वो चाय की प्याली हो, मिठाई का स्वाद या तीज-त्योहारों की परंपरा मीठे के बिना अधूरापन सा लगता है। लेकिन जब सेहत की बात आती है, तो एक सवाल हर किसी के मन में उठता है गुड़ और चीनी में से कौन-सा विकल्प बेहतर है? क्या वाकई गुड़ चीनी से ज्यादा फायदेमंद है, या ये भी सिर्फ एक मिथक है? आइए जानते हैं दोनों के फायदे, नुकसान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्या है सही चुनाव।

1 .गुड़: पारंपरिक मीठा, सेहतमंद विकल्प

गुड़ को भारतीय घरों में सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। यह गन्ने के रस को बिना रसायन के उबालकर तैयार किया जाता है, जिससे इसमें प्राकृतिक खनिज और विटामिन्स (जैसे आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम) बने रहते हैं। जो हेल्थ के लिए लाभकारी माने जाते हैं।

गुड़ के प्रमुख फायदे:

गुड़ खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें आयरन की मात्रा अधिक होती है, जो एनीमिया से बचाव करता है।यह लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। आयुर्वेद में गुड़ को गुनगुने पानी या अदरक के साथ लेने की सलाह दी जाती है।

2 .चीनी: परिष्कृत मीठा, लेकिन छुपे खतरे

चीनी भी गन्ने से ही बनती है, लेकिन इसके निर्माण में कई रसायनों  का इस्तेमाल होता है। इससे चीनी में पोषक तत्व न के बराबर रह जाते हैं।

चीनी के संभावित नुकसान:

इसमें कैलोरी ज्यादा होती है और फाइबर बिल्कुल नहीं, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है। अत्यधिक सेवन से ब्लड शुगर स्तर असंतुलित हो सकता है। चीनी दांतों में कैविटी का कारण बन सकती है। चीनी तुरंत ऊर्जा देती है, लेकिन जल्दी ही शरीर को थका भी देती है।

वैज्ञानिक क्या कहते हैं?

डायटीशियन और हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि गुड़, चीनी की तुलना में कहीं अधिक स्वास्थ्यवर्धक है, लेकिन इसकी भी मात्रा सीमित होनी चाहिए। दोनों ही चीज़ें ‘शुगर’ का रूप हैं, इसलिए अधिक सेवन किसी भी रूप में हानिकारक हो सकता है।

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