रूस ने भारत को दिया 'जेट इंजन' बनाने का ऑफर

नई दिल्ली। भारत की वायुसेना का सबसे भरोसेमंद और शक्तिशाली फाइटर जेट Su-30MKI एक बार फिर बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। रूस ने भारत को एक ऐतिहासिक प्रस्ताव दिया है Su-30MKI लड़ाकू विमानों को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स के बराबर ताकतवर बनाने का। इसके तहत रूस न केवल इस विमान के लिए नया, अधिक शक्तिशाली इंजन देने को तैयार है, बल्कि भारत में ही उसके निर्माण और तकनीकी ट्रांसफर का प्रस्ताव भी लेकर आया है।

क्या है रूस का प्रस्ताव?

रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक की रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने भारत को Su-30MKI के लिए नया "नेक्स्ट-जेनरेशन" इंजन ऑफर किया है। यह इंजन न सिर्फ अधिक थ्रस्ट और फ्यूल एफिशिएंसी देगा, बल्कि फाइटर जेट की रेंज और मैन्युवरेबिलिटी को भी काफी बढ़ा देगा। सबसे बड़ी बात यह है की इंजन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही निर्मित किया जाएगा।

क्यों है ये ऑफर अहम?

1 .तकनीकी आत्मनिर्भरता: भारत लंबे समय से रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयासरत है। इस ऑफर से भारत को एक ऐसी तकनीक का हस्तांतरण मिलेगा, जो अब तक सीमित देशों के पास ही है।

2 .रणनीतिक समय: यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब अमेरिका के साथ भारत के रक्षा संबंधों में खटास की खबरें हैं। खासकर तेजस मार्क-2 के लिए GE इंजन की सप्लाई को लेकर संशय बना हुआ है।

3 .पाकिस्तान-चीन की चुनौती: हाल के दिनों में पाकिस्तान और चीन की ओर से बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत को तेज और अधिक ताकतवर विमानों की जरूरत है। Su-30MKI को अपग्रेड कर 'नेक्स्ट-जेनरेशन' स्तर पर ले जाना भारत को रणनीतिक बढ़त दे सकता है।

भविष्य की राह और भारत की रणनीति

रूस का यह ऑफर केवल एक इंजन का प्रस्ताव नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक रक्षा साझेदारी की नई दिशा है। यदि भारत यह ऑफर स्वीकार करता है, तो वह न केवल Su-30MKI को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार कर पाएगा, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग को भी ऊंचा उठाने में एक बड़ी छलांग लगा सकता है। यह प्रस्ताव भारत के लिए तकनीकी आत्मनिर्भरता, सामरिक शक्ति और क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से निर्णायक साबित हो सकता है।

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